गोरेगांव तहसील कार्यालय बना भ्रष्टाचार का गढ़ 1 लाख की रिश्वत का मामला तहसीलदार भदाणे ,नायब तहसीलदार नागपुरे व1आरोपी एसीबी की हिरासत में

बुलंद गोंदिया। गोंदिया जिले के राजस्व विभाग का गोरेगांव तहसील कार्यालय भ्रष्टाचार का गढ़ बना हुआ है जिसमें हर मामूली काम भी बिना रिश्वत के नहीं होता। मंगलवार 7मई को रिश्वत के एक मामले में गोरेगांव के तहसीलदार किसन कचरू भदाणे, नायब तहसीलदार ज्ञानेश्वर रघुजी नागपुरे कंप्यूटर ऑपरेटर राजेंद्र गोपीचंद गणवीर को गोंदिया एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा 1 लाख रुपये के रिश्वत मामले में हिरासत में लिया।

एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रकरण इस प्रकार है कि गोरेगांव तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम टेढ़ा निवासी 40 वर्षीय फरियादी वह उसका एक मित्रबिल्डिंग मटेरियल सप्लायर का काम करता था जिसके पास 6 पहिया टिप्पर है जिससे रेती का परिवहन किया जाता था।
4 मार्च 2024 की दोपहर 1:00 के दौरान दो-दो ब्रास रेत का अवैध रूप से परिवहन करते समय मंडल अधिकारी वह उसकी दल द्वारा टिप्परों को गिधाडी परिसर में पकड़ कर तहसील कार्यालय गोरेगांव में जमा किया गया था।
जिस पर तहसीलदार द्वारा शिकायतकर्ता व उसके दोस्त को चालान का भुगतान करने के लिए कहा जिस पर 6 मार्च 2024 को शिकायतकर्ता व उसके मित्र द्वारा बैंक में प्रति वाहन 1लाख 23883 रुपए का चलन का भुगतान किया वह रसीद के साथ तहसील कार्यालय गोरेगांव पहुंचे, किंतु उस दिन उन्हें उनके टिप्पर का ताबा नहीं मिला जिससे वह अपने गांव चले गए।
गांव पहुंचने पर उनके परिचित एक व्यक्ति द्वारा मिलकर कहा गया कि तुम्हारे टिप्पर को छोड़ने वह आगे रेती का परिवहन नियमित शुरू रखने के लिए प्रति वाहन 50000 के प्रमाण से दोनों वाहनों का 1लाख रुपये तहसीलदार भदाणे गोरेगांव को देना होगा ऐसी सूचना दी।
लेकिन शिकायतकर्ता द्वारा रिश्वत न देने की मंशा को लेकर इसकी शिकायत गोंदिया एंटी करप्शन ब्यूरो में की गई जिस पर जांच के दौरान यह सामने आया कि आरोपी क्रमांक एक तहसीलदारभदाणे द्वारा शिकायतकर्ता व उसके मित्र को जुर्माने की राशि का चालान भरने के साथ-साथ जप्त वाहन को छोड़ने के लिए और एक चालान भरना होगा ऐसा दुअर्थी शब्दों का इस्तेमाल कर दोनों वाहनों छोड़ने के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत की मांग कर उसे लेने की इच्छा दर्शाई।
इसके पश्चात 7मई को आरोपी क्रमांक एक तहसीलदार द्वारा 100000 रिश्वत की राशि निजी व्यक्ति आरोपी क्रमांक 3 राजेंद्र गोपीचंद गणवीर उम्र 52 वर्ष कंप्यूटर ऑपरेटर तहसील कार्यालय गोरेगांव को देने को कहा किंतु इस दौरान निजी व्यक्ति को संदेह होने पर उसने राशि स्वीकार नहीं की।
शिकायतकर्ता व उसके मित्र के टिप्पर जिसमें प्रत्येक दो ब्रास रेती के साथ वाहन जप्त कर पंचनामा मंडल अधिकारी वह पथक द्वारा आरोपी क्रमांक 1 को पेश किया था जिस पर आरोपी क्रमांक 1, 2 व 3 ने काटकर जप्त किए गए वाहन में से दो ब्रास रेती न होने तथा एकब्रास रेती थी ऐसा दिखाने के लिए झूठे दस्तावेज तैयार करने के साथ ही जप्त वहां टिप्पर नहीं वहां यह ट्रैक्टर था ऐसा दस्तावेज तैयार कर कार्यालय में पेश किया।
इस मामले में आरोपी क्रमांक 2 नायब तहसीलदार ज्ञानेश्वर रघु जी नागपुरे उम्र 56 वर्ष तहसील कार्यालय गोरेगांव द्वारा संपूर्ण दस्तावेज तैयार करने में मदद करने पर उसके बदले पार्टी देने की मांग भी की थी।

उपरोक्त मामले में गोंदिया एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा संपूर्ण दस्तावेज वह तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर गोरेगांव पुलिस थाने में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज करवाया

उल्लेखनीय है कि आरोपी क्रमांक एक तहसीलदार गोरेगांव भदाने इसके पूर्व ठाणे में तहसीलदार के पद पर वर्ष 2017 मेंकार्यरत था। इस दौरान वहां भी 10 लाख रुपए की रिश्वत स्वीकारने के संदर्भ में पुलिस स्टेशन ठाणे शहर में मामला दर्ज हैं।

उपरोक्त करवाई भ्रष्टाचार प्रबंधक विभाग के नागपुर परिक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक राहुल माकणीकर, अपर पुलिस अधीक्षक सचिन कदम, संजय पुरंदरे के मार्गदर्शन में जांच अधिकारी उप विभागीय पुलिस अधिकारी भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग गोंदिया विलास काले ,पुलिस निरीक्षक उमाकांतउगले सहायक फौजदार चंद्रकांत करपे, पो. हवा. संजयकुमार बोहरे,मंगेश काहालकर, नापोशि. संतोष शेंडे, संतोष बोपचे, अशोक कापसे,नापोशि प्रशांत सोनवाने, मनापोशी संगीता पटले ,चालक नापोशि दिपक बाटबर्वे द्वारा की गई।

Share Post: