नियोजन समिति की सभा में अधिकारियों पर भड़के पूर्व पालकमंत्री डॉ. फुके, 5 साल से लटका ओबीसी छात्रावास का उठाया विषय

सिटी सर्वे, जलजीवन मिशन, अतिवृष्टि, एमआईडीसी के मुद्दे पर पालकमंत्री को कराया अवगत
बुलंद गोंदिया।गोंदिया के जिलाधिकारी कार्यालय में पालकमंत्री धर्मरावबाब आत्राम की अध्यक्षता में ली गई जिला नियोजन समिति की सभा में विभिन्न मुद्दों को लेकर पूर्व पालकमंत्री डॉ. परिणय फुके अधिकारियों पर जमकर भड़के।
पूर्व पालकमंत्री डॉ. फुके ने कहा, ओबीसी छात्र-छात्राओं को छात्रावास उपलब्ध हो इस हेतु वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शासन निर्णय जारी कर 500 की क्षमता का ओबीसी छात्रावास शुरू करने का निर्णय दिया था। परंतु इस निर्णय के बाद से अनेक डीपीसीसी की बैठक ली जा चुकी है पर छात्रवास का कार्य आज भी प्रलंबित है।
गोंदिया शहर का सिटी सर्वे का मामला पिछले 3 साल से जिला नियोजन समिति में गूंज रहा है पर भूमि अभिलेख कार्यालय की लचर व संदेहास्पद भूमिका के चलते आज भी सिटी सर्वे कार्य सफेद हाथी बना हुआ है। नप द्वारा 1 करोड़ भूमि अभिलेख विभाग को जमा किये जा चुके है बावजूद कार्य ढाक के तीन पात ही है।
डॉ. फुके ने क्रीड़ा विभाग में हुई धांधली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा शासन खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, निर्माण कार्य हेतु लाखों करोड़ों रुपये खर्च करती है, पर शासन की योजनाएं अधिकारियों की अकर्मण्यता, धांधली के चलते दम तोड़ देती है।

उन्होंने पालकमंत्री आत्राम से कहा कि, पूर्व पालकमंत्री राजकुमार बडोले डीपीसी के पांच साल अध्यक्ष रहे है, उनका प्रश्न गंभीर है और क्रीड़ा विभाग में हुई धांधली की जांच हेतु एक जांच समिति गठित कर कार्रवाई की जानी चाहिए।
फुके ने, देवरी एमआईडीसी का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा, वनविभाग की अकर्मण्यता और जिले के औद्योगिक विकास को लेकर जो विरोधात्मक नीति अपनाई गई है उससे उद्योग धंधे नही आ पा रहे है। देवरी एमआईडीसी में उद्योग के लिए जिन 43 भूखंड दिए गए थे उन्हें वनविभाग ने इको सेंसेटिव जोन का नोटिस देकर रोक दिया है।

ऐसे सभी भूखंडों से नोटिस रद्द की जानी चाहिए और उनकी समयावधि बढ़ाई जानी चाहिए। इस दौरान फुके के देवरी के 32 करोड़ के पानी आपूर्ति के प्रस्ताव के संदर्भ भी अधिकारियों के कान खिंचे।

डॉ परिणय फुके ने अतिवृष्टि से हुए नागरिकों के नुकसान, फसल नुकसान पर भी पालकमंत्री का ध्यानकेन्द्रित किया वहीं अर्जुनी मोरगांव के जंगल में जंगली हाथियों द्वारा फसलों व अन्य नागरी व्यवस्था को हुए नुकसान पर वनविभाग के अलावा डीपीसी के माध्यम से नुकसान भरपाई देने की मांग की।

पूर्व पालकमंत्री डॉ. फुके ने केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी परियोजना हर घर नल, हर नल में जल योजना पर भी सवाल उठाए।

फुके ने अधिकारियों को लताड़ते हुए कहा, जलजीवन मिशन अंतर्गत प्रशासकीय अधिकारी केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं को पलीता लगा रहे है। हर व्यक्ति को नल और जल का सपना सिर्फ मिट्टी पोतने जैसा है।

ग्रामीण पानी पुरवठा विभाग की ऐसी लापरवाही से महत्वाकांक्षी योजना का लाभ ग्रामीणों को नही मिल पा रहा। अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई कर कार्य को दर्जेदार किये जाने की मांग श्री फुके ने की।

इन सभी उठाये गए महत्वपूर्ण विषयों पर पालकमंत्री ने गंभीरता से संज्ञान लेकर अधिकारियों को सख्ती से कार्य करने के निर्देश दिए वही ओबीसी छात्रावास सहित अनेक मामलों पर धिमिगति से चल रहे कार्यो को गति देने जिलाधिकारी को निर्देश दिए।

अंत में राज्य सरकार द्वारा किसानों को प्रति हेक्टर 20 हजार रुपये नुकसान भरपाई जारी करने के फैसले पर सभा में एकमत से सरकार के निर्णय का अभिनंदन किया गया।

जिला नियोजन की सभा में पालकमंत्री धर्मरावबाबा आत्राम, सांसद सुनील मेंढे, सांसद अशोक नेते, जीप अध्यक्ष पंकज रहांगडाले, विधायक विनोद अग्रवाल, विधायक विजय रहांगडाले, विधायक सहेसराम कोरोटे, विधायक अभिजीत वंजारी, विधायक मनोहर चन्द्रिकापुरे, पूर्व पालकमंत्री राजकुमार बडोले, पूर्व विधायक राजेन्द्र जैन, पूर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल, जिलाधिकारी चिन्मय गोतमारे, पुलिस अधीक्षक निखिल पिंगळे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल पाटील आदि की उपस्थिति रही।

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