ज्योति गर्ग द्वारा लगाए गए मारपीट व जबरन वसूली के आरोप बेबुनियाद – ईशा गौतम, ज्योति गर्ग ने 12 लाख से की ठगी व अन्य लोगो को भी लाखों से बनाया शिकार, मानव अधिकार संगठन ने मानी गलती

बुलंद गोंदिया। गोंदिया शहर की रेलटोली निवासी अपने आप को शिक्षिका बता कर महिलाओं की मदद के नाम पर 50000 के कर्ज के बदले 30% प्रतिदिन के हिसाब से ब्याज वसूलने के ज्योति गर्ग के द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं जबकि ज्योति गर्ग ने उनके साथ 12लाख रुपए की ठगी करने के साथ ही अन्य महिलाओं के साथ भी लाखों रुपए की धोखाधड़ी की है। इस प्रकार की जानकारी ईशा गौतम द्वारा पत्र परिषद में दी तथा इसी दौरान मानव अधिकार संगठन द्वारा भी गत प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित रहने पर अपनी गलती स्वीकार की है।
गौरतलब है कि 24 अगस्त को रेलटोली और पुणाटोली निवासी महिला ज्योति राजेश गर्ग द्वारा पत्र परिषद लेकर सांवराटोली व फूलपुर निवासी महिला ईशा मनीष गौतम पर 30% प्रतिदिन के हिसाब से कर्ज की राशि वसूलने जिसमें 50,000 के बदले 12लाख रुपए की मांग करते हुए मारपीट करने व अपने घर पर बंधक बनाए रखने का आरोप लगाया था साथ ही रामनगर पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज न करने की बात कही थी।
इस मामले में 30 अगस्त को ईशा मनीष गौतम द्वारा पत्र परिषद में खुलासा करते हुए बताया गया कि ज्योति गर्ग द्वारा 5हजार के बदले 12लाख रुपए की मांग किए जाने का आरोप बेबुनियाद है जबकि उनके द्वारा ज्योति गर्ग को 4 किस्तों में 12लाख रुपए बच्चों की पढ़ाई, पति की बीमारी, रेलवे के टेंडर और लोन की बातें बताकर पैसे लिए थे। लिए गए पैसे के एवज में ज्योति गर्ग व उसकी सहयोगी गौरी मुकेश लिल्हारे द्वारा चेक भी दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि मैं ईशा गौतम ज्योति गर्ग को पहले नहीं जानती थी जिसका परिचय गौरी मुकेश लिल्हारे द्वारा करवाया गया था तथा जिसके पश्चात ज्योति गर्ग गौरी लिल्हारे आस्था गर्ग द्वारा मुझे ठक्कर पैसे लिए जब अपने पैसे की मांग उनसे की तो मुझ पर मारपीट करने व धमकाने का बेबुनियाद आरोप लगाया जबकि ज्योति गर्ग तथा उसकी बेटी आस्था गर्ग का सहयोगी बैस द्वारा मुझे बार-बार धमकी देते हैं। इस मामले में ज्योति गर्ग ही महा ठग है जिसके द्वारा अन्य महिलाओं को भी लाखों रुपए से चुना लगाया गया।
मानव अधिकार संगठन की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह
राज्य मानवाधिकार संगठन की जिला अध्यक्ष रोहिणी ठाकरे व शहर अध्यक्ष सुनीता मिश्रा द्वारा सर्वप्रथम ज्योति गर्ग के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर ज्योति गर्ग को पीड़िता बताते हुए रामनगर पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने व ईसा गौतम द्वारा मारपीट कर धमकी दिए जाने का मामला उठाया था। लेकिन 5 दिनों में ही मानव अधिकार संघटना की भूमिका बदली व 30 अगस्त को आयोजित पत्र परिषद में ईशा गौतम के साथ उपस्थित होकर ज्योति गर्ग द्वारा उन्हें झूठी जानकारी देने व दिशा भ्रमित करने की बात कहते हुए अपनी गलती स्वीकार है तथा गौतम द्वारा दिखाए गए दस्तावेजों के आधार पर ज्योति गर्ग को ही दोषी बताने लगे।
धोखाधड़ी के अनेक लोग शिकार
पत्र परिषद में ईशा गौतम द्वारा 12लाख रुपए से धोखाधड़ी किए जाने का आरोप लगाया गया किंतु साथ में अनेक पीड़ित महिलाएं भी उपस्थित थी। जिन्होंने ज्योति गर्ग के द्वारा ठगी जाने का मामला सामने बताया जिसमें अशोक खरोदे 1लाख 50हजार , विजेता विजय इहारे 2लाख 50हजार ,कविता पांडे 72000, दुर्गाबाई तिवारी जिसकी रजिस्ट्री गलत तरीके से1,20000 में गिरवी रखी, बचत गट से 25000, कविता पांडे मकान की रजिस्ट्री व प्लस 10000, जया डेमिटी 50हजार , उमेश चावके जिन्हें नोटरी भी करके दिया है उसे 5लाख , जी नेवाणी 50हजार गुरदीप कौर उर्फ बिल्लू इनके 2चेक ,फु ]लवंत परिहार सोने के जेवरात व 30,हजार व नागरा की 40 बचत गट की महिलाएं भी ठगी का शिकार हुई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि ज्योति गर्ग उसकी बेटी की सहेली थी जिसके नाते उस पर विश्वास कर रजिस्ट्री दी थी लेकिन रजिस्ट्री वापस नहीं की बाद में जानकारी प्राप्त हुई कि उपरोक्त उसकी ओरिजिनल रजिस्ट्री के दस्तावेज गिरवी रखकर डेढ़ लाख रुपए के करीब कर्ज ले लिया है।
रेलवे के अधिकारी बताकर धोखाधड़ी
ज्योति गर्ग द्वारा रेलवे के अधिकारी बताकर कुछ लोगों को जिनके साथ ठगी कि उनके पास ले जाया गया जिसमें गोंदिया शहर का निर्माण होने वाले उड़ान पुल का टेंडर इनको हुआ है तथा इनके द्वारा कामगारों को वेतन देने व अन्य लोगों को काम पर लगाने का झांसा देकर भी धोखाधड़ी की है जिसमें जिस व्यक्ति को ज्योति गर्ग द्वारा रेलवे का अधिकारी बना कर अपने साथ ले जाया गया था उस व्यक्ति का नाम चेतन जैन व महिला अधिकारी के रूप में सिंधिया एंथोनी नामक महिला साथ गई थी।
ज्योति गर्ग द्वारा पैसा लेने चेक व स्टैंप दिए
ज्योति गर्ग द्वारा पैसा लेने चेक व स्टैंप दिए हैं जो पत्र परिषद में पीड़िता द्वारा पेश किए गए जिससे यह साबित होता है कि ज्योति गर्ग द्वारा इन लोगों को ढग कर पैसा लिया गया है इस मामले में ज्योति गर्ग द्वारा चालाकी बरतते हुए पैसे मांगे मांगने पर टालमटोल किया गया जब पीड़ितों द्वारा चेक बाउंस की कार्रवाई की जाने वाली थी तो उसके पूर्व ही उन लोगों के खिलाफ ज्योति गर्ग द्वारा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवा दी। जिसमें गुंडागर्दी वह 50000 के बदले 1200000 रुपए मांगने के आरोप लगाए जो कि बेबुनियाद है।

कानूनी कार्रवाई कानूनी कार्रवाई करेंगे ऐसा मनीष गौतम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी देते हुए बताया है कि ज्योति गर्ग के खिलाफ मानहानि धोखाधड़ी का केस दायर करने के साथ ही चेक बाउंस होने के पश्चात चेक बाउंस का केस भी लड़ कर कानूनी लड़ाई लड़ेंगे तथा ज्योति गर्ग धरा द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद साबित किया जाएगा।
पत्र परिषद में ईशा मनीष गौतम, मनीष गौतम, मानव अधिकार संघटना की रोहिनी ठाकरे, सुनीति मिश्रा, सोनाली उमेश चावके, दुर्गा तिवारी, फुलवता परिहार, गुरदीप कौर वह दीप्ति मिश्रा उपस्थित थे।

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