शासकीय महिला चिकित्सालय में टीकाकरण के पश्चात डेढ़ माह के मासूम की मौत परिजनों ने नर्स पर लगाया लापरवाही का आरोप कार्यवाही की मांग

बुलंद गोंदिया। गोंदिया के शासकीय महिला चिकित्सालय में बुधवार 8 जून को सिविल लाइन मामा चौक निवासी शारदा बसंत बोरकर उम्र 35 वर्ष द्वारा अपने डेढ़ माह के मासूम बालक रोहन बसंत बोरकर को नियमित टीकाकरण के लिए लाया गया था। जिसे टीकाकरण करने के कुछ ही समय पश्चात उसकी मौत हो गई।
गौरतलब है कि गोंदिया का शासकीय महिला चिकित्सालय प्रतिदिन अपनी विभिन्न कार्यप्रणाली के चलते विवादास्पद बना रहता है कभी प्रसूति के लिए आने वाली महिलाओं के उपचार के लिए पैसे की मांग हो या प्रसूति महिलाओं की मौत या मासूम नवजात की मौत का सिलसिला बना रहता है। इसी विवादास्पद परंपरा को शासकीय महिला चिकित्सालय द्वारा बरकरार रखा गया। इसी के चलते बुधवार 8 जून को एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें बच्चों के टीकाकरण के नियमित कार्यक्रम के पश्चात डेढ़ माह के मासूम की टीकाकरण के कुछ ही समय पश्चात मौत हो गई।
इस संदर्भ में प्राप्त जानकारी के अनुसार गोंदिया की सिविल लाइन मामा चौक निवासी शारदा बसंत बोरकर उम्र 35 वर्ष द्वारा बुधवार 8 जून को सुबह 11:00 बजे के दौरान अपने डेढ़ माह के बेटे रोहन बसंत बोरकर को नियमित टीकाकरण के लिए शासकीय महिला चिकित्सालय में लाया गया था जहां उसे डेढ़ माह के दौरान लगने वाले टीके जिसमें आईवीपी,पेन्टा , रोटा, पोलियो, पीसीवि के डोज दिए गए, टीकाकरण का डोज दिए जाने के कुछ समय पश्चात मासूम के नाक से खून निकलने लगा था जिसकी शिकायत कार्यरत नर्स को किए जाने पर वे घबरा गए तथा तत्काल चिकित्सक के पास ले जाकर उपचार के लिए चिकित्सालय में दाखिल कराया जहां उसकी कुछ समय पश्चात दर्दनाक मौत हो गई। इस संदर्भ में पीड़िता द्वारा नर्सों पर आरोप लगाया गया कि टीकाकरण के दौरान लापरवाही बरती गई तथा बच्चे को डोज देते समय नाक दबाकर मुंह में डोज दिया जिससे उसकी स्थिति बिगड़ गई।
इस घटना के पश्चात पीड़ित परिवार द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के पास शिकायत कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की व मासूम के शव को तब तक नहीं लेने का अपना निश्चय बताया तथा इसकी जानकारी शहर शिवसेना के पदाधिकारियों को प्राप्त होते ही वे चिकित्सालय में पहुंचकर दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की।
इस संदर्भ में कार्यरत नर्सों द्वारा जानकारी दी गई कि उनके द्वारा किसी भी प्रकार की लापरवाही बरती नहीं गई है किंतु यह हादसा तो हुआ है तो इसमें जिम्मेदार कौन इस पर प्रश्नचिन्ह निर्माण हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि इस दौरान शासकीय महिला चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ सोनारे अवकाश पर होने के चलते जिला शल्य चिकित्सक द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए आरएमओ डॉ बीडी जायसवाल को भेजा गया जिनके द्वारा पीड़ित का मामला सुना गया तथा इस संदर्भ में पीड़ित को आश्वासन दिया कि जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी इस संदर्भ में पीड़ित माता द्वारा शहर पुलिस थाने में दी शिकायत दर्ज करवाई गई है।
मामले की कड़ाई से जांच
डेढ़ माह के मासूम रोहन बोरकर की टीकाकरण के पश्चात आकस्मिक मौत के मामले में शव का पोस्टमार्टम करने के पश्चात प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर मामले की जांच कर दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
डॉक्टर बीडी जायसवाल आरएमओ शासकीय जिला चिकित्सालय गोंदिया।

Share Post: