‘क्रांतिरत्न’ ग्रंथ 28 नवंबर को 131 स्थानों से एक साथ होगा प्रकाशित

बुलंद गोंदिया। आधुनिक भारत की नींव रखने का महत्वपूर्ण कार्य महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले ने किया है। उनके कार्यों, कर्मों और विचारों का वर्णन करने वाला एक हजार पृष्ठ का ‘क्रांतिरत्न महाग्रंथ’ 28 नवंबर 2021 को एक साथ 131 स्थानों पर प्रकाशित हो रहा है।

उन्नीसवीं सदी में जगाने वाले दम्पति म.ज्योतिराव फुले और सावित्री फुले सामाजिक क्रांति के महान अग्रदूत, लड़कियों के लिए प्रथम विद्यालय के संस्थापक, महिला शिक्षा के संस्थापक, महान शिक्षा वैज्ञानिक, सार्वभौमिक शिक्षा के सक्रिय प्रचारक, प्रचार, बहुजनों के गौरवशाली इतिहास का पुनर्निर्माण करके छत्रपति शिवाजी का महिमामंडन, मानव दासता का विरोध, सार्वभौमिक मूल्यों पर जोर देना। सती, बाल कटवाने और बाल विवाह जैसे अवांछनीय मानदंडों पर रौंदकर विधवा पुनर्विवाह के साथ सफलतापूर्वक प्रयोग करने वाले महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्री फुले, सार्वभौमिक मुक्ति के अग्रदूत, मानव रत्न थे जिन्होंने सचमुच उन्नीसवीं शताब्दी को सुशोभित किया।

हमारे मित्र अपर कलेक्टर राजेश खवाले ने सोचा कि क्यों न हम महात्मा जोतिराव फुले और सावित्री फुले को उनके जीवन और कार्य पर एक हजार पृष्ठ की पुस्तक संकलित करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने का प्रयास करें। दोस्तों के रूप में, उन्होंने हमें यह विचार अतुल डोड, राहुल तायड़े, विजय लोखंडे, प्रकाश अंधारे, प्रताप वाघमारे, विनय गोसावी, अशोक गेदम को बताया। हम सभी को यह कॉन्सेप्ट पसंद आया। इस महत्वाकांक्षी अवधारणा ने सरकार को इसे लागू करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। बहुत मेहनत के बाद क्रांतिरत्न महाग्रंथ आकार में आया है। महात्मा फुले सावित्री फुले के जीवन-कार्य-विचारों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर 143 विद्वानों ने लिखा है। इस महाग्रंथ में कुल 1000 पृष्ठ हैं।
महात्मा फुले, सावित्री फुले द्वारा व्यक्त विचार, उनके द्वारा लिखित पुस्तकें, उनका जीवन और कार्य आज तक व्यापक रूप से लिखे गए हैं। हालाँकि, क्रांतिरत्न महाग्रंथ की विशेषता यह है कि इस पुस्तक में महात्मा फुले, सावित्री फुले से संबंधित लेख कई पहलुओं का अध्ययन करके लिखे गए हैं जिनका अभी तक अध्ययन नहीं किया गया है। इनमें मुख्य रूप से चार्वाक और एम. फूल, एम। फुले और बुद्ध के दर्शन, महात्मा फुले की भाषाई शैली, महात्मा फुले की जनसंचार शैली, विदेशी विद्वानों द्वारा महात्मा फुले के कार्यों का रिकॉर्ड, राष्ट्रसंत टुकडोजी की ग्राम गीता और महात्मा फुले के विचार, संत साहित्य में महात्मा फुले की भूमिका अंधविश्वास विरोधी आंदोलन, महात्मा फुले से जुड़े वास्तु , फुले दंपति का बाल संरक्षण कार्य, महात्मा फुले और श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड़, महात्मा फुले और छत्रपति शाहू महाराज, महात्मा फुले की विचारधारा परिवर्तन, महात्मा फुले की कला दृष्टि, महात्मा फुले की सार्वजनिक बोलने की शैली, महात्मा फुले की मानवतावाद, महात्मा फुले और किसान आंदोलन, महात्मा फुले के काव्य संसाधन, उनकी एकात्म कविता, सत्यशोधक समाज और राष्ट्र अवधारणा, फुलेवाद: पूर्व-मार्क्सवादी भारतीय समाजवाद, महात्मा फूल धर्म पर उनके विचार, फुलेवाद के इतिहास में नई प्रवृत्तियां, महात्मा फुले का सत्य की खोज करने वाले जल पर प्रभाव, महात्मा फुले और इस्लाम, महात्मा फुले का सार्वभौमिकरण और प्रारंभिक शिक्षा, विदर्भ में सत्य की तलाश करने वाले जल और वाटरवर्क्स, क्रांति का दर्शन, गोविंदराव फुले और पेशवा काल, ज्योतिराव फुले राजर्षि शाहू महाराज और डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की शैक्षिक विचारधारा की एकता, श्रमिकों का ज्ञान, महात्मा फुले, गुलामी में संस्कृति संघर्ष की व्याख्या, महात्मा फुले और भालेकर, महात्मा फुले के निबंधों में नारीवादी सोच, फुलेवादी नैतिकता, महात्मा फुले का इतिहास, महात्मा फुले की कृतियों को किसने रचा?उनकी कविता, डॉ. यशवंत के काम में ऐसे लेख शामिल हैं। शोध, विश्लेषण, तुलनात्मक अध्ययन के माध्यम से इस पुस्तक के लिए शोध पत्र लिखे गए हैं।

लेख महाराष्ट्र के विचारकों और लेखकों द्वारा लिखे गए हैं। इसमें मुख्य रूप से प्रा. हरि नारके, पूर्व न्यायाधीश मदनता जोडगे, डॉ. विलास तायडे, अस्मिता मेश्राम, भरत बंदगर, डॉ. माधव हैबतकर, डॉ. रेखा रोडे, डाॅ. नमनन्द साठे, पुरातत्वविद् भुजंग बोबडे, डॉ. धोंडोपंत मानववतकर, डॉ. संभाजी खरात, डॉ. स्वप्ना लांडे, डॉ. चंद्रकांत नागराले, प्रा. दिलीप वानखड़े, डॉ. श्याम देवकर, डॉ. मंजुश्री खोबरागड़े, प्रा. आशालता कांबले, डॉ. कविता मुरुमकर, डॉ. हर्षानंद खोबरागड़े, डॉ. सतीश पावड़े, सतीश जमोदकर, प्रदीप कसूरदे, डॉ. सतीश शीर्षस्थ, अनिल प्रांजले, प्रा. पंडित कांबले, डॉ. संजीव कुमार सोनावणे, भाग्यश्री ओवल, डॉ. गोविंद गायकी, डॉ. आर। जे। इंगोले, डॉ. विनोद खैरे, डाॅ. अशोक राणा, डाॅ. नरेश इंगले, तृप्ति नवारे, किरण डोंगरदिवे, लीलाधर दावंडे, वकील अशोक गेदाम, डॉ. अरुण शिंदे, डाॅ. प्रकाश शिंदे, निखिल परोपटे, मीनाक्षी नागराले, डॉ. किरण वाघमारे, डॉ. दीपक सूर्यवंशी, डॉ. काशीनाथ उलगड़े, रमेश तेम्बेकर, प्रतिमा इंगोले, नागेश चौधरी, डॉ. संतोष पेठे, चित्रा पगारे, डॉ. प्रवीण बंसोड़, नामानंद साठे, नीता तिजारे, प्रा. प्रीतम गावंडे, श्याम देवकर, कल्याण श्रावस्ती, प्रा. साजिद शाह, फकीरा राजगुरु, वकील प्रग्नेश सोनवणे, डॉ. तुलसीराम उकिर्डे, डॉ. गजानन भिंगरदिवे, अपर्णा धोरे, डॉ. दीपावली राउत, प्राचार्य यशवंत खडसे, डॉ. इकबाल तंबोली, प्रा. बापूराव डोंगरे, सरिता काले, गणेश राउत, सुषमा पाखरे, डॉ. शरद नागरे, प्रा. स्वाति पिंगले, डॉ. अशोक चोपडे, डॉ. दीपक कपाडे, डाॅ. मिलिंद वावले, विजय भुयार, डॉ. बालाजी मुंडे, वकील विशाखा बोरकर, सुनैना अजत, रूपचंद ख्यादे, डॉ. जयद्रथ जाधव, तनुजा ख्यादे, डॉ. विनोद गायकवाड़, प्रिया कदम, डॉ. दशरथ आडे, डॉ. पद्मा नागदेव, डॉ. पुष्पा तायड़े, अक्षय बोराडे, संदीप फुलजेले, डॉ. प्रफुल्ल गवई, डॉ. सुशील कुमार कुबडे, प्रा. शंकर बागड़े, डॉ. बाबासाहेब शेप, प्रा. भूषण हिरभगत, डॉ. स्वाति खोत्रे, डॉ. अनिल गायकवाड़, अजीत कुमार, डॉ. विद्या जाधव, वीरेंद्र गनवीर, डॉ. गजानन डोईफोडे, संजय खरात, प्रा. किशोर चौरा, डाॅ. कृष्णा मलकर, श्रद्धा अंबुर्ले, प्रा. दुर्गा भिसे, डॉ. उर्मिला फालफले, विनोद उलिपवार, डॉ. सुधा खडके, डॉ. प्रियराज महेशकर, डॉ. नारायण बंसोडे, डॉ. किरण कुम्भरे, सचिन ओवल, माया गोबरे, गजानन धामने, प्रा. अर्चना मानकर, डाॅ. श्रीपद भालचंद्र जोशी, नवनाथ रंखंबे, सुरेखा लोनी, प्रा. सविता हजारे, प्रा. सुरेश खोबरागड़े, प्रह्लाद पॉलकर, आबिद रजा, डॉ. श्याम देवकर, डॉ. मनीषा वर्मा, डाॅ. सूर्यभान नागुलकर, बाबासाहेब सोनकांबले, डॉ. श्रीकृष्ण राउत, डाॅ. टी। जी। गेदम, डॉ. सुधाकर देहंकर, सुधीर गरद, नीलिमा मुले, अरुण शिंदे, प्रा. श्रीकृष्ण बंसोड़, केदार कलवणे, मनोहर राउत, शिल्पा भोयर, डॉ. भगवान लोखंडे, डॉ. मीनाक्षी भोयर, डॉ. प्रज्ञा लामटूरे, शिवमती सिंधु तुपकर, जे. ए। उगले, मुकुंदराव पाटिल, डॉ. माँ एम। जाधव, डॉ. रवि जाधव, प्रवीण गोराडे, निकिता नवले, स्वप्निल रंगारी, बालासाहेब दास, प्रा. अरुणा वाघोले, बालाजी डिगोले, प्रा. डॉ। संतोष भोसले, अचल तंबोली, विजयकुमार लडक़ट, सुषमा लोखंडे, वैशाली शेंडे, राजेंद्र वतन और कई अन्य। क्रांतिरत्न ग्रंथ 28 नवंबर को 131 स्थानों से एक साथ प्रकाशित होने की योजना है।

क्रांतिरत्न की मूल अवधारणा राजेश खवले से प्रेरित है। पुष्पा तायडे क्रांतिरत्न की प्रधान संपादक हैं। डॉ। सतीश पावड़े, डॉ. चंद्रकांत सरदार, सतीश जमोदकर, डॉ. दीपक सूर्यवंशी और प्रकाश अंधारे ने सह-संपादक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं। इस पुस्तक के निर्माण में अनेक गणमान्य व्यक्तियों का मार्गदर्शन एवं सहयोग प्राप्त हुआ है। तमिलनाडु राज्य के सेवानिवृत्त प्रधान सचिव विश्वनाथ शेगावकर और सेवानिवृत्त डिप्टी कलेक्टर अशोक गेडाम मुख्य मार्गदर्शक हैं। गुरुत्वाकर्षण प्रकाशन के वर्षा राजू चिमनकर ने क्रांतिरत्न महाग्रंथ को प्रकाशित करने के लिए कड़ी मेहनत की है। इस पुस्तक का सुंदर आवरण सचिन थेटे द्वारा बनाया गया है और इस पुस्तक का मुद्रण कार्य सूरज कार्ड प्रिंटर्स, नागपुर द्वारा किया गया है। पुस्तकालय उप निदेशक सुनील हुसैन, जिला उप पंजीयक प्रवीण लोखंडे, संकल्प समूह संचालित राजू जाधव, विशाल राजे बोर, विवेक चंदुरकर, प्रवीण मनोहर, श्रीकांत तालोकर, विनायक कंडलकर ने इस महान पुस्तक के निर्माण के लिए समन्वयक के रूप में कड़ी मेहनत की है।
ग्रंथ निर्माण करने वाले दल का मानना ​​है कि यह पुस्तक महात्मा फुले और सावित्री फुले के जीवन के नए पहलुओं को जानने में मदद करेगी। क्रांतिरत्न महाग्रंथ महात्मा ज्योतिराव फुले को एक महान श्रद्धांजलि होगी।

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