गोंदिया जिले की 33 राइस मिल ब्लैक लिस्ट घटिया चावल आपूर्ति का मामला जिलाधिकारी ने दिया आदेश, गोंदिया के चावल पर बाहर के जिलों में कार्रवाई जिले में हो रहा दुर्लक्ष

बुलंद गोंदिया। (नवीन अग्रवाल)- शासकीय खरीदी धान के मिलिंग कर घटिया चावल की आपूर्ति करने के मामले में गोंदिया जिले की दोषी 33 राइस मिलर्स को 3 वर्षों के लिए ब्लैक लिस्ट करने का आदेश जिलाधिकारी चिन्मय गौतमारे द्वारा दिया गया इसके पूर्व देवरी तहसील की 7 राइस मिलर्स को भी 3 वर्ष के लिए ब्लैक लिस्ट किया गया था।

गौरतलब है कि शासकीय आधारभूत केंद्रों से खरीदे गए धान की मिलिंग के लिए गोंदिया जिले की राइस मिलर्स को शासन द्वारा दिया जाता है जिसका चावल शासकीय राशन वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरित किया जाता है। चावल की गुणवत्ता गुणवत्ता अधिकारियों द्वारा जांच कर शासकीय गोदाम में जमा किया जाता है। किंतु जब यही चावल दूसरे जिलों में जाता है तो वहां इसकी जांच केंद्रीय पथक द्वारा किए जाने पर यह चावल घटिया दर्जे का होने के साथ ही खाने के योग्य नहीं होता।

इस प्रकार के अनेक मामले सामने आने पर गोंदिया जिले में दूसरे चरण में 33 राइस मिलर्स को 3 वर्ष के लिए जिलाधिकारी द्वारा ब्लैक लिस्ट किया गया
इस संदर्भ में जिलाधिकारी द्वारा गत दिनों पत्र जारी किया।

उल्लेखनीय है कि गोंदिया जिले में मार्केटिंग फेडरेशन व आदिवासी विकास महामंडल के माध्यम से खरीदे गए धान की मिलिंग करने के लिए गोंदिया जिले के साथ-साथ अन्य जिलों की राइस मिलर के साथ करार किया जाता है। जिसमें उन राइस मिलर्स को चावल की मिलिंग कर शासकीय गोदाम में जमा करवाना पड़ता है किंतु कुछ राइस मिल वाले अन्य राज्य में धान की अधिक कीमत मिलने के चलते धान को उन राज्यों में बेचकर उत्तर प्रदेश व राज्य के पीडीएस वितरण प्रणाली के चावल को खरीद कर गोंदिया जिले में सीएसआर के नाम पर अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर जमा करते हैं।
ऐसे भी मामले सामने आए हैं तथा यही चावल अन्य जिलों में राशन वितरण प्रणाली के माध्यम से नागरिकों को देने के लिए भेजा जाता है।

राशन वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरित किए जाने वाला चावल खाने योग्य है नहीं इसकी संपूर्ण जवाबदारी एफसीआई के केंद्रीय पथक की है केंद्रीय पथक द्वारा जिले के राशन दुकानों में आपूर्ति करने वाले चावल अथवा राइस मिल से जमा किए गए चावल के गोदामों में जाकर जांच करते हैं।

गोंदिया जिले व अन्य जिलों में जमा किए गए चावल की गुणवत्ता की जांच केंद्रीय पथक द्वारा किए जाने पर तकरीबन 33 राइस मिलर्स द्वारा भेजे गए चावल घटिया दर्जे का पाया गया तथा वह मनुष्य के खाने योग्य भी नहीं था। इसकी संपूर्ण जांच की रिपोर्ट केंद्रीय पथक द्वारा जिलाधिकारी को दिए जाने पर 33 राइस मिलर को 3 वर्षों के लिए ब्लैक लिस्ट किया गया।

गुणवत्ता अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह

गोंदिया जिले में के राइस मिलर्स द्वारा मिलिंग कर चावल जब शासकीय गोदाम में जमा किया जाता है तो उसकी जांच गुणवत्ता अधिकारी द्वारा की जाती है किंतु गुणवत्ता अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है। तथा इसमें बड़े पैमाने पर लेनदेन व भ्रष्टाचार होने के चलते यह चावल गोंदिया जिले में तो चल जाता है किंतु बाहर के जिले में जाने पर यह खाने के योग्य नहीं रहता।
साथ ही आपूर्ति विभाग की मूक सहमति के चलते खाने योग्य नहीं रहने वाले चावल की आपूर्ति निरंतर हो रही है।

राइस मिलर्स व अधिकारियों ने भ्रष्टाचार को बनाया शिष्टाचार

गोंदिया जिला धान के कटोरा के रूप में जाना जाता है जहां प्रतिवर्ष लाखों कुंटल धान की पैदावार होती है जिसमें बड़े पैमाने पर शासकीय खरीदी जिला मार्केटिंग फेडरेशन वह आदिवासी विकास महामंडल के माध्यम से कर प्रतिवर्ष सरकार द्वारा चावल के निर्माण के लिए राइस मिलर से करारनामा करती है। तथा उन्हें धान मिलिंग के लिए दिया जाता है, किंतु इस दौरान प्रतिवर्ष भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार होता है धान उठाने के नाम से लेकर चावल निर्माण करने व गोदामों में जमा करने तक प्रत्येक लाट पर राइस मिलर्स द्वारा अधिकारियों को तय राशि दी जाती है तथा भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बनाते हुए यह व्यवसाय निरंतर चल रहा है।
      6 सप्ताह में चावल जमा करवाएं अन्यथा फौजदारी करवाई
शासकीय गोदामों में घटिया दर्जे का चावल की आपूर्ति करने वाले उन 33 राइस मिलर्स द्वारा भेजा गया है जिनके द्वारा 6 सप्ताह के अंदर उसके बदले उत्कृष्ट गुणवत्ता का चावल जमा करवाना होगा अन्यथा उन राइस मिल मालिकों पर फौजदारी कार्रवाई की जाएगी
– चिन्मय गौतमारे जिलाधिकारी गोंदिया।

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