बोगस डॉक्टर व तांत्रिक लंकेश मेश्राम नाबालिग के साथ दुष्कर्म का दोषी करार 29 वर्ष का सश्रम कारावास 1 लाख 14 हजार का जुर्माना

बुलंद गोंदिया। गोंदिया तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम फूलचुर निवासी आरोपी बोगस चिकित्सक व तांत्रिक मुकेश उर्फ लंकेश मेश्राम उम्र 35 वर्ष को 17 वर्षीय नाबालिगा के साथ दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए 10 मई को सुनाएं अपने फैसले में प्रमुख जिला व विशेष सत्र न्यायाधीश एस ए ए आर औटी द्वारा दोषी करार देते हुए विभिन्न धाराओं के अंतर्गत 29 वर्ष का सश्रम कारावास व 1लाख 14 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार फरियादी कि पीड़िता नाबालिका 17 वर्षीय की छाती के समीप गांठ होने से उसका स्वास्थ्य निरंतर बिगड़ते रहता रहता था। उसके द्वारा विभिन्न स्थानों पर चिकित्सकों के पास जाकर उपचार करवाया किंतु किसी भी प्रकार का फायदा ना होने पर पीड़िता की दादी जहां काम पर जाती थी उस व्यक्ति की सलाह पर उपरोक्त आरोपी के दवाई लेने पर बीमारी में आराम होता है ऐसा बताए जाने पर पीड़िता की माता व दादी द्वारा उपरोक्त बोगस डॉक्टर आरोपी पर विश्वास रखते हुए 27 मार्च 2019 को लंकेश मेश्राम को अपने घर पर बुलवाया ।
पीड़िता का स्वास्थ्य ठीक ना होने से वह पलंग पर ही आराम करती थी जिसका आरोपी द्वारा फायदा लेकर अश्लील हरकत कर दुष्कर्म किया। उपरोक्त चिकित्सा के दौरान आरोपी द्वारा घर के अन्य लोगों को उपरोक्त कक्ष के बाहर ही रखने व अकेला कक्ष में प्रवेश करता था तथा हिदायत देता था कि इस दौरान वे अंदर ना आए तथा आरोपी द्वारा घर के अन्य लोगों व पीड़िता को काले रंग की एक बेहोशी की दवा देकर घर के सामने का दरवाजा बंद कर किसी को अंदर आने नहीं देता था।
इस प्रकार आरोपी द्वारा 27 मार्च 2019 से 5 अप्रैल 2019 तक पीड़िता व उसके घर के सभी लोगों को बेहोशी की काली गोली देकर पीड़िता पर बार-बार दुष्कर्म किया ।पीड़िता व घर के लोगों को बेहोशी की गोली दिए जाने के चलते अन्य लोगों को इस बात की जानकारी दे नहीं सकती थी। किंतु 5 अप्रैल 2019 को पीड़िता के रिश्तेदार चाचा बाहर गांव से दोपहर के समय पीड़िता के घर पर आए तथा उन्हें घर के सामने के दरवाजे पर ताला लगाई दिखाई दिया जिससे आसपास के लोगों को लोगों से पूछताछ किए जाने पर 8 दिनों से दरवाजा बंद होने की जानकारी सामने आई। जिस पर पीड़िता के रिश्तेदारों द्वारा दरवाजे का ताला तोड़कर घर में प्रवेश किया जहां आरोपी सामने आया तथा यह बात सामने आई कि आरोपी द्वारा परिवार और पीड़िता को बेहोशी की दवाई देकर बार-बार दुष्कर्म कर रहा है। यह बात सामने आते ही इस घटना की जानकारी गोंदिया शहर पुलिस थाने को फोन पर दी तथा पुलिस को बुलाकर पीड़िता का उपचार किया तथा आरोपी बोगस चिकित्सक व तांत्रिक की बात सामने आने पर तथा उनके परिवार की अज्ञानता का लाभ लेकर बेहोशी की दवाई देकर दुष्कर्म अत्याचार करने की बात सामने आई जिसके पश्चात पीड़िता द्वारा 5 अप्रैल 2019 को गोंदिया शहर पुलिस थाने में जाकर आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई उपरोक्त शिकायत के आधार पर तत्कालीन महिला पुलिस उपनिरीक्षक सांदिया सोमनकर द्वारा आरोपी के खिलाफ भादवि की धारा 376, (2),(एन), 342, 343, 328, 506 व बाल लैंगिक अत्याचार संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4 व 6 के तहत संपूर्ण जांच कर आरोपी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया।
उपरोक्त प्रकरण में आरोपी के खिलाफ दोष सिद्ध करने व पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सरकार की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील सतीश यू घोड़े व विशेष सरकारी वकील कृष्णा डी पारधी द्वारा 8 गवाहों को न्यायालय के समक्ष पेश किया। चिकित्सा अहवाल व पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए प्रमुख जिला वह विशेष सत्र न्यायधीश एस ए ए आर औटी द्वारा 29 वर्षों का सश्रम कारावास व 1 लाख 14 हज़ार दंड की सजा सुनाई।
जिसमें बाल लैंगिक अत्याचार संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 1 लाख रुपये का जुर्माना दंड की राशि ना भरने पर 5 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास,
भादवि की धारा 328 के तहत 5 वर्ष का सश्रम कारावास व 10000 जुर्माना न भरने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास,
भादवि की धारा 506 के तहत 2 वर्ष का कारावास व 2000 जुर्माना जुर्माना न भरने पर 3 महीने की अतिरिक्त कारावास,
भादवि की धारा 343 के तहत 2 वर्ष का सश्रम कारावास व 2000 जुर्माना न भरने पर 3 वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है।
तथा जुर्माने की राशि प्राप्त होने पर उपरोक्त राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया साथ ही मनोधैर्य योजना के अंतर्गत पीड़िता की चिकित्सा उपचार को पुनर्वासन के लिए जिला विधि सेवा प्राधिकरण को उचित सहायता करने का आदेश दिया।
उपरोक्त मामले में पैरवी कर्मचारी मपो हवा श्रीमती पटले, पोशि रामलाल कीरसान पुलिस स्टेशन गोंदिया शहर द्वारा विशेष सहयोग दिया गया।

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