ओबीसी आरक्षण के बिना जिप, पंस, एवं नगर पंचायत की चुनावी प्रक्रिया अधूरी, राष्ट्रवादी का सुप्रीम कोर्ट की तरफ रुख

गोंदिया-भंडारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की संयुक्त सभा में ओबीसी समाज के साथ हुई सकारात्मक चर्चा
बुलंद गोंदिया। मा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा 6 दिसंबर 2021 को महाराष्ट्र सरकार के 27 प्रतिशत राजनीतिक आरक्षण अध्यादेश के मामले के विरुद्ध दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए मा. सर्वोच्च न्यायालय ने इस 27 प्रतिशत राजनीतिक आरक्षण अध्यादेश को स्थगिती करने का फैसला सुनाते राज्य में आगामी 21 दिसंबर को होने वाले जिप, पंस, एवं नगर पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को रद्द कर बाकी की सीटों पर चुनाव कराने का निर्णय दिया था।
इस निर्णय के आने के बाद महाराष्ट्र राज्य के दो गोंदिया और भंडारा जिला परिषद तथा उसके अंतर्गत आनेवाली 15 पंचायत समिति एवं राज्य की 105 नगर पंचायत में जारी चुनावी प्रक्रिया पर ग्रहण लग गया। अनेकों सीटों के रद्द होने पर ओबीसी समाज में आक्रोश निर्माण हो गया।
इस मामले पर महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार के साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद प्रफुल पटेल, ओबीसी संगठन के नेता, समता परिषद के प्रमुख एवं मंत्री छगन भुजबल सहित इस ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण को रद्द करने के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखने हेतु दिल्ली का रुख कर चुके है।
गोंदिया में हुई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेताओ की संयुक्त बैठक में उन्होंने कहा, पक्ष ओबीसी समाज के साथ पूरी ताकत से खड़ा है। राज्य सरकार द्वारा ओबीसी को अन्य राज्य की तर्ज पर अध्यादेश लाकर राजनीतिक आरक्षण दिया गया था, जिसे भाजपा के ही कुछ ओबीसी विरोधी लोगो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालकर ये आरक्षण छीनने का कार्य किया है। ये भाजपा का ओबीसी विरोधी चेहरा है, जिसे अब समझ जाना जरूरी है।
एनसीपी नेताओ ने कहा हम मा. सुप्रीम कोर्ट के 13 तारीख को आने वाले आदेश का इन्जार करेंगे। सुप्रीम कोर्ट में हमारी अपील है कि चुनाव एकसाथ होने चाहिए, ओबीसी के आरक्षण के बगैर ये चुनाव अधूरा है। अगर सुप्रीम कोर्ट इस बात को मानने से इंकार करती है तो हम संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया रद्द कराने की अपील कर चुनाव प्रक्रिया आगे बढाने की मांग करेंगे।
इसके लिए हम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से भंडारा जिले के अविनाश काशिवार के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे जिसकी पैरवी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल करेंगे। इसके साथ ही समता परिषद से छगन भुजबल के माध्यम से वरिष्ठ अधिवक्ता जे. विलियम्स एव राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पैरवी करेंगे।

पक्ष बैठक के दौरान, पूर्व विधायक राजेन्द्र जैन, पूर्व सांसद खुशाल बोपचे, पूर्व सांसद मधुकर कुकडे, पूर्व राज्यमंत्री नाना पंचबुद्धे, विधायक मनोहर चन्द्रिकापुरे, विधायक राजू कारेमोरे, पूर्व विधायक अनिल बावनकर, सुनील फुंडे, धनंजय दलाल, गंगाधर परशुरामकर, नरेश माहेश्वरी, यशवंत सोनकुसरे, प्रभाकर दोनोडे, डॉ विकाश गभने, प्रभाकर सपाटे, योगेंद्र भगत, रविकांत बोपचे, रमेश ताराम, नरेंद्र झंझाड, केतन तुरकर, अविनाश काशीवार, चुन्नीभाऊ बेंद्रे, गणेश बरडे, रजनी गिरहेपुंजे, किशोर तरोने, बालकृष्ण पटले, लोकपाल गहाने, बालू चुन्ने,देवचंद ठाकरे, तुकाराम मेंढे, योगेश सिंघनजुडे, कमलबापू बहेकार, सी. के. बिसेन, गोपाल तिराले, गोपाल तिवारी, शैलेश मयूर, लोमेश वैध, सुनील टेभरें, अंगराज समरीत, एड. मोहन राऊत, सुरेश हर्षे, रफिक खान, सुरेश बघेले, अजय गौर, राजेश भक्तवर्ती, अखिलेश शेठ, राजेश तुरकर, सदाशिव ढेंगे, विजय पारधी, बिश्राम चर्जे, करण टेकाम, रमेश गौतम, सुनील पटले, इकबाल भाई, सुशील तिराले सहित ओबीसी सेल के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

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