मुझे पद से निष्कासित करने का अधिकार सिर्फ समाज को- अक्षय वासनिक

बुलंद गोंदिया। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जयंती उत्सव समिति, गोंदिया के स्वयंभू अध्यक्ष अमित भालेराव ने प्रेस कांफ्रेंस कर मेरे निष्कासन की घोषणा की और मेरे और मेरी कार्यकारिणी पर झूठे आरोप लगाए गए जो किसी भी सूरत में सही नहीं है, यह समाज को गुमराह करने की साजिश है। मैं समाज के आम लोगों द्वारा चुना गया अध्यक्ष हूं, मैं किसी उप-समिति का अध्यक्ष नहीं हूं और उन्हें मुझे निकालने का कोई अधिकार नहीं है। इस प्रकार की जानकारी 15 मई को प्रेस कांफ्रेंस में अक्षय वासनिक ने दी।
आगे खा की ये लोग अपने स्वार्थ के लिए बाबासाहेब के नाम पर राजनीति कर रहे हैं और आगामी नगरपालिका चुनाव को सामने रखकर मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। अध्यक्ष अक्षय वासनिक ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम अपने राजनीतिक हितों के लिए बाबासाहेब के नाम का इस्तेमाल कर लोगों और समाज को गुमराह करना बर्दाश्त नहीं करेंगे।

शासकीय विश्राम ग्रह में 15 मई को आयोजित पत्र परिषद में अक्षय वासनिक ने आगे कहा कि अमित भालेराव ने नप में कोटेशन जमा कर जयंती उत्सव समिति के डेकोरेशन के लिए गोंदिया नगर परिषद से 1 लाख रुपए लिए हैं. उनके दस्तावेज मिलते ही हमने उनके खिलाफ गोंदिया पुलिस में जयंती उत्सव समिति के फंड की हेराफेरी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करेगे । इस वर्ष जयंती उत्सव समिति डबलिंग ग्राउंड में 22 मई को हमेशा की तरह बुद्ध जयंती का भव्य दिव्य कार्यक्रम आयोजित करेगी। उन्होंने कहा कि 15 दिन बाद हिसाब देंगे।चंदा वसूलने के लिए कोड के इस्तेमाल पर उन्होंने कहा कि इससे पहले जो पिछले चार-पांच साल से समिति के अध्यक्ष थे, उनके क्यू. आर कोड का उपयोग करके चंदा लिया गया है। उनकी मुख्य रसीद दाताओं के पास सुरक्षित है और उनकी पावती हमारे पास है। इसलिए उन्होंने कहा कि हिसाब के समय इसे पेश किया जाएगा। वर्ष 2020 में जिन परिस्थितियों में संस्था का पंजीयन हुआ, उसमें समाज के लोगों को भरोसे में नहीं लिया गया। उनके इस असंवैधानिक कृत्य ने साबित कर दिया है कि संगठन को अपने स्वार्थ के लिए और राजनीति में अपने हितों को हासिल करने के लिए पंजीकृत किया गया था। किसी भी समाजसेवी संस्था का काम समाज को जोड़े रखना और समाज को दिशा देना होता है, लेकिन ये संस्थाएं प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों की तरह हैं और हिटलरवाद की मिसाल पेश कर रही हैं।
अगर मैंने कुछ गलत किया है तो समाज को मुझे दंडित करने का अधिकार है। हम समाज के लोगों से एकत्रित राशि का हिसाब जरूर देंगे। मेरी कार्यकारिणी पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाने वाले अमित भालेराव ने अपने कार्यकाल का लेखा-जोखा समाज को नहीं दिया वे दो साल 2020- 2021 2021-22 अध्यक्ष थे।

समाज इन सभी असामाजिक कृत्यों को कभी माफ नहीं करेगा और हम डॉ. हम लोग बाबासाहेब आंबेडकर और तथागत भगवान गौतम बुद्ध के विचारों का सम्मान करने वाले लोग हैं। इस असंवैधानिक कृत्य के कारण समाज को बदनाम किया गया है। जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे और जल्द ही इस संबंध में कानूनी कार्रवाई कर चेतावनी जारी की है।
आगे उन्होंने समाज के कुछ अन्य संवेदनशील मुद्दों की जानकारी देते हुए कहा कि डॉ. जसानी बालक मंदिर में बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा को स्थानांतरित करने के लिए ट्रस्ट के माध्यम से भूमि अधिग्रहण के लिए प्रशासनिक और न्यायिक लड़ाई लड़ी जा रही है। इसे जयंती समिति का सहयोग मिल रहा है। साथ ही नानाजी शेंडे की अध्यक्षता वाली जयंती समिति भी इसका विरोध नहीं कर रही है और न ही कोई साजिश कर रहा है। यह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। ट्रस्ट के जरिए इस जगह के बारे में गलतफहमियां फैलाई जा रही हैं। एक मंच पर जयंती बाबा की टैगलाइन पारंपरिक है और हम एकजुट रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमारा उद्देश्य समाज में सद्भाव और भाईचारा बनाना है, विभिन्न संगठनों को एक मंच पर लाना है। और हमने नानाजी शेंडे की अध्यक्षता वाली समिति के साथ मंच साझा किया है और समाज में समरसता पैदा करना यह असामाजिक कार्य नहीं, अगर ट्रस्ट को असामाजिक लगता है तो यह उनकी राय हो सकती है, साथ ही ट्रस्ट के कार्यक्रम में उपस्थित नहीं होने के बारे में भी अक्षय वासनिक ने कहा कि उन्होंने मुझे ऐसे किसी आयोजन में आमंत्रित नहीं किया था इसलिए इसमें भाग लेने का कोई सवाल ही नहीं था। भीमघाट समिति द्वारा सामूहिक विवाह समारोह आयोजन व रक्तदान शिविर में आमंत्रित नहीं किया गया थाकिया गया था।
इस अवसर पर अध्यक्ष अक्षय वासनिक, उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार कठाने, महासचिव अरविंद नागदेव, मिलिंद बागड़े, स्वाति वालदे , रोहन रंगारी, संगठक अमर राउत,दिलेश्वरी साखरे, प्रशांत वाहने, आकाश इंदूरकर, सागर गेडाम, देवा रूसे, सुनिल भरणे, रतन वासनिक आदि मौजूद थे ।

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