नाबालिग से दुष्कर्म आरोपी शंकर सागर को 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 20000 का जुर्माना

बुलंद गोंदिया। गोंदिया शहर पुलिस थाना अंतर्गत आने वाले क्षेत्र निवासी आरोपी शंकर सूरजकुमार सागर उम्र 26 वर्ष को 17 वर्षीय नाबालिग के साथ बलात्कार के जुर्म में दोषी करार देते हुए 11 जनवरी 2023 को प्रमुख जिला व विशेष सत्र न्यायाधीश ए.टी वानखेड़े ने 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 20000 जुर्माने की सजा सुनाई।
प्रकरण इस प्रकार है कि गोंदिया शहर पुलिस थाना अंतर्गत सर्कस मैदान के समीप 25 दिसंबर 2014 को कीर्तन के कार्यक्रम से शाम 6:00 के दौरान 17 वर्षीय नाबालिगा अपने घर वापस जा रही थी। इसी दौरान उसके परिचित मित्र गुलशन द्वारा घर छोड़ने के बहाने मोटरसाइकिल पर बैठाकर एक सुनसान घर में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया साथ ही उसने अपने मित्र खन्ना कुमार व शंकर सागर को बुलाकर सामूहिक रूप से दुष्कर्म किया जिसके पश्चात दूसरे दिन सुबह 5:00 बजे पीड़िता को सर्कस मैदान के समीप छोड़कर फरार हो गए। जिसके पश्चात पीड़िता द्वारा इस घटना की जानकारी घर पहुंच कर अपनी मां को बताई जिस पर पीड़िता द्वारा 26 दिसंबर 2014 को गोंदिया शहर पुलिस थाने में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत दर्ज होने के पश्चात उपरोक्त मामले में तत्कालीन जांच अधिकारी चंद्रशेखर चौरे सहायक पुलिस निरीक्षक द्वारा मामले की जांच कर आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। उपरोक्त प्रकरण में पीड़िता व सरकार की ओर से विशेष सरकारी वकील वसंत चुटे, कृष्णा डी पारधी द्वारा सात गवाहों को न्यायालय के समक्ष पेश किया तथा मामले की संपूर्ण पैरवी की। गवाहों और सबूतों के आधार पर आरोपी शंकर सूरजकुमार सागर उम्र 26 वर्ष को भादवि की धारा 376(ड) के अंतर्गत 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 20000 के जुर्माने की सजा सुनाई।
दंड की राशि ना भरने पर आरोपी को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। साथ ही इस मामले में आरोपी गुलशन यह नाबालिग होने के चलते उसके खिलाफ बाल न्यायालय में प्रकरण प्रलंबित है तथा मुख्य आरोपी खन्ना राजकुमार यह अब तक फरार हैं जिसके चलते उसके ऊपर प्रकरण न्यायालय में प्रलंबित है।
उपरोक्त प्रकरण में पुलिस अधीक्षक निखिल पिंगले, अपर पुलिस अधीक्षक अशोक बनकर के मार्गदर्शन में पैरवी कर्मचारी मापोसी श्रीमती टोमेश्वरी पटले गोंदिया शहर ने न्यायलीन कार्य में सहयोग दिया।

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