राजकुमार प्रतापगढ़े व एक अन्य आरोपी हत्या के आरोप से बाइज्जत बरी

बुलंद गोंदिया। आमगांव तहसील के नवेगांव निवासी राजकुमार प्रतापगढ़े व वासुदेव डोगरे को कट्टीपार निवासी राधेश्याम मानकर की हत्या के मामले में सबूतों वह गवाहों के आधार पर सुनाएं अपने फैसले में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश एबी लवटे द्वारा बाइज्जत बरी किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रकरण इस प्रकार है कि आमगांव तहसील के ग्राम कट्टीपार निवासी राधेश्याम मानकर इसकी आमगांव से कामठा जाने वाले मार्ग पर सलून की दुकान थी तथा यह सलून के कार्य से नवेगांव भी जाता था जिस पर राजकुमार प्रतापगढ़े द्वारा राधेश्याम को सलून के कार्य के लिए नवेगांव में आने के लिए मना करने के साथ मारपीट की थी यह घटना 9 जून 2018 को घटित हुई थी तथा इसी दौरान राधेश्याम का वासुदेव डोंगरे के साथ पैसे को लेकर विवाद भी हुआ था।
जिसके बाद 10 जून 2018 की रात जब मृतक की पत्नी गट की सभा में बाहर गई हुई थी तथा वापस आने पर बाहर चौक में खेल रहे उसके पुत्र द्वारा बताया गया कि उसके पिता नवेगांव निवासी राजकुमार प्रतापगढ़े व उसके साथ आए वासुदेव डोगरे के साथ गाड़ी पर बैठकर बस स्टॉप चौक गए हैं।
देर रात तक उसके वापस ना आने पर रात में उसकी तलाश की गई लेकिन उसका पता नहीं चला। दूसरे दिन सुबह 6:30 बजे के दौरान उसके ससुर महेश मानकर द्वारा घर पर आकर जानकारी दी कि राधेश्याम यह नवेगांव में राजकुमार प्रतापगढ़े के घर के समीप मृत अवस्था में पड़ा है।
घटनास्थल पर पहुंचने पर राजकुमार प्रतापगढ़े के घर के समीप स्थित अशोक के पेड़ के पास वह मृत अवस्था में दिखाई दिया । उस समय राजकुमार प्रतापगढ़े ने जानकारी देते हुए बताया कि नवेगांव कट्टीपार जाने वाले चौक में रात में 11:45 पर वह शराब पीकर पड़ा हुआ था जिसके चलते उसे नवेगांव में अपने घर में लाकर कट्टीपार छोड़ना था किंतु इस दौरान उसकी मौत हो गई।
इस मामले में मृतका की पत्नी सुनीता राधेश्याम मानकर द्वारा दोनों आरोपियों पर मार पीट कर हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए आमगांव पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। जिस पर पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 302, 34 के तहत मामला दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया।
इस मामले में न्यायालय में सबूतों व गवाहों के आधार पर अपना फैसला सुनाते हुए अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश एबी लवटे द्वारा दोनों आरोपियों को बाइज्जत बरी किया। उपरोक्त मामले में दोनों आरोपियों की ओर से एडवोकेट निजाम शेख व एडवोकेट बारापात्रे द्वारा न्यायालय में पक्ष रखा।

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