बुलंद गोंदिया। ब्रेन डेड मरीज गुरूमूर्ति विद्यानाथ स्वामी अय्यर के अंगदान कर 2 मरीजों को नया जीवनदान मिला वही नेत्रदान से दो नेत्रहीनों को नई रोशनी प्राप्त हुई। गुरूमूर्ति के परिवार के इस साहसिक निर्णय से गोंदिया के सम्मान में सेवानिवृत्त कर्मचारी गुरुमूर्ति के रूप में और एक नया नाम जुड़ गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गोंदिया निवासी रेलवे से सेवानिवृत्त कर्मचारी गुरूमूर्ति विद्या नाथ स्वामी अय्यर उम्र 74 वर्ष की गत सप्ताह अचानक तबीयत खराब हो जाने पर उसे गोंदिया के राधे कृष्णा हॉस्पिटल डॉक्टर गिरी के चिकित्सालय में दाखिल कराया गया था।
जहां 1 सप्ताह इलाज के दौरान उन्हें स्ट्रोक हुआ तथा डॉ गिरी ने ब्रेन डेड घोषित किया। इसके पश्चात डॉक्टर गिरी द्वारा उनके पुत्र राजेश और परिजनों को अंगदान की सलाह दी जिसके पश्चात उनका परिवार इस साहसिक कार्य के लिए अपनी सहमति प्रदान की।
सहमति प्राप्त होने के पश्चात नेत्र मित्र नरेश लालवानी के सहयोग से एक वेंटिलेटर एंबुलेंस उपलब्ध हुई तथा उन्हें नागपुर के किंग्सवे हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया जहां 23 अगस्त 2022 को शल्यक्रिया कर उनकी दोनों किडनी 64 साल के एक व्यक्ति को लगाई गई तथा लीवर 41 वर्ष के एक मरीज को लगाया गया तथा यह सभी ऑपरेशन किंग्सवे हॉस्पिटल में सफलतापूर्वक किए गए।
इसके साथ ही भाविका बघेल, मनीषा पसीने , नरेश लालवानी वहआदेश शर्मा के सहयोग से माधव नेत्रालय में नेत्रदान किया गया जिससे 2 नेत्रहीनों को नई रोशनी प्राप्त होंगी।
एक व्यक्ति ने 2 लोगों को दी नयी जिंदगी व 2 लोगों को दी रोशनी
गुरुमूर्ति के परिजनों द्वारा अंगदान व नेत्रदान की सहमति देने के पश्चात दो लोगों को नई जिंदगी व दो लोगों को नई रोशनी प्राप्त हुई है जिसमें नेत्र मित्र नरेश लालवानी का सहयोग व किंग्सवे चिकित्सालय की सफलता से कई लोगों की नई जिंदगी सवर गई है।
गुरुमूर्ति के परिवार का अभिनंदन
परिवार में इस दुख की घड़ी के समय भी गुरुमूर्ति के पुत्र वह परिजनों द्वारा दान की महत्ता को समझते हुए एक कठिन निर्णय लेते हुए अंगदान की सहमति प्रदान की जिससे चार लोगों के जीवन में एक नया सवेरा आया है। जिसके लिए उनका अभिनंदन करना सभी का कर्तव्य है।
चिकित्सकों का दल
नागपुर के किंग्सवे हॉस्पिटल में अंगदान कर सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण सर्जरी करने वाले दल में न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर ललित महाजन, डॉक्टर शुभ्रजीत दासगुप्ता, डॉ राजन बारोकर, डॉक्टर अमोल हेड़ा, डॉ वीरेंद्र बेलेकर के साथ डॉक्टर प्रकाश जैन, डॉ राजशेखर पेरुमला, डॉक्टर विशाल कुमार चौरसिया, डॉक्टर आरिफ अली खान ,डॉक्टर प्रकाश खेतान, डॉक्टर शिवनारायण आचार्य, डॉक्टर वासुदेव रिधोरकर, डॉ अश्विनी कुमार खांडेकर, डॉक्टर आशय सूर्यवंशी, डॉक्टर चंद्रशेखर चाम, डॉ शीतल जैन ने अपना विशेष सहयोग दिया।