बाढ़ की परिस्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन तैयार -जिलाधिकारी नयना गुंडे ,बाढ़ संभावित ग्रामों का निरीक्षण कर गोंदिया व तिरोड़ा तहसील के नागरिकों से साधा संवाद

बुलंद गोंदिया। राज्य में मानसून के दौरान मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति राज्य के अनेक जिलों में निर्माण हो गई है। इस मानसून के दौरान बाढ़ की स्थिति निर्माण होने पर उससे निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है ऐसी जानकारी जिलाधिकारी नयना गुंडे द्वारा गोंदिया व तिरोड़ा तहसील के संभावित बाढ़ ग्रस्त गांव के निरीक्षण के दौरान कहा।
गौरतलब है कि मानसून के दौरान अतिवृष्टि होने पर गोंदिया जिले में 96 ग्रामों में बाढ़ की संभावना अधिक बनी रहती है। तथा गत कुछ दिनों में जिले में बारिश ने अपनी उपस्थिति भारी दर्ज कराई है। गत सप्ताह गोंदिया जिले में अतिवृष्टि भी दर्ज की गई है जिसके चलते जिलाधिकारी नयना गुंडे द्वारा संभावित बाढ़ ग्रस्त ग्रामों की भौगोलिक स्थिति को जानने के लिए गोंदिया व तिरोड़ा तहसील के रजेगांव, बिरसोला, कासा, काटी किडंगीपर ढिवरटोला के ग्रामों में भेंट देकर स्थानीय नागरिकों से संवाद सांधा तथा इस वर्ष आई बाढ़ की स्थिति व नियोजन तथा भौगोलिक परिस्थिति का निरीक्षण किया।
जिले में वर्ष 2020 में अगस्त महीने में गोंदिया व तिरोड़ा तहसीलों में बाढ़ की स्थिति निर्माण हुई थी इस बाढ़ की स्थिति के परिस्थिति के चलते किसानों के घर मवेशियों के गोटे, मवेशियों वह कृषि फसल का भारी नुकसान हुआ था। इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए जिलाधिकारी नयना गुंडे द्वारा संभावित बाढ़ ग्रस्त ग्रामों का दौरा कर वहां की भौगोलिक स्थिति का जायजा लिया तथा बाढ़ की स्थिति निर्माण होने पर खोज व बचाव का कार्य किए जाने के लिए प्रशासन द्वारा की गई उपाय योजना उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों से ली।
वैनगंगा वह बाघ नदी के किनारे पर स्थित ग्रामों के निचले क्षेत्रों के घरों में बाढ़ के पानी से होने वाले नुकसान तथा समय पर शासन द्वारा तत्काल मदद उपलब्ध कराए जाने के लिए वोट व मनुष्य बल की भरपूर व्यवस्था आदि के संदर्भ में विस्तृत जानकारी ली तथा इस अवसर पर उपस्थित ग्रामवासियों से संवाद किया। उपरोक्त क्षेत्रों में जहां पुल नहीं है वह मार्गो की ऊंचाई कम है जिसके चलते बाढ़ की स्थिति निर्माण होने पर ग्रामों का संपर्क कट जाता है इसलिए उपरोक्त मार्गो की ऊंचाई बढ़ाने व नए पुलों का निर्माण करने के लिए ग्राम वासियों द्वारा निवेदन किया गया।
निरीक्षण के दौरान तहसीलदार गोंदिया संतोष खांडरे अपर तहसीलदार अनिल खड़तकर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी राजन चौबे, कार्यकारी अभियंता राज कुरेकार ,बाढ़ नियंत्रण अधिकारी महेश भंडारकर, अभिषेक यादव इंजीनियर जयंत तिराले प्रमुख रूप से उपस्थित थे साथ ही संबंधित ग्रामों के सरपंच, उपसरपंच ,मंडल अधिकारी, पटवारी, पुलिस पाटिल, कोतवाल जिला आपदा बल के कर्मचारी तथा गोंदिया व तिरोड़ा तहसील के बाढ़ ग्रस्त ग्रामों के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
जिलाधिकारी नयना गुंडे से नागरिकों से किया आव्हान
आपदा के समय जिला प्रशासन नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है। आपदा के दौरान प्रशासन और नागरिकों को एक दूसरे के साथ समन्वय स्थापित करना चाहिए और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए एक साथ आना चाहिए। वर्तमान में बांधों, जलाशयों आदि में जलस्तर बढ़ रहा है और नदी किनारे के गांवों में पानी छोड़े जाने से संभावित बाढ़ की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि जिले में आज बाढ़ की स्थिति नहीं है। लेकिन वर्तमान में बांधों, जलाशयों, झीलों, नदियों, नालों आदि में जल स्तर बढ़ गया है। साथ ही इस स्थान पर सेल्फी के लालच से बचना चाहिए और पानी में बोटिंग करते समय लाइफ जैकेट का इस्तेमाल करना चाहिए और लोगों को क्षमता से अधिक नाव में नहीं बैठना चाहिए। कलेक्टर नयना गुंडे ने जिले के नागरिकों से अपील की है कि जब पानी बह रहा हो तो नागरिक पुल को पार करने की कोशिश न करें और विशेष सावधानी बरतें।

 

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