32 वर्ष का सश्रम कारावास भुगतना होगा नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी प्रवीण कुसराम को मेहमान बनकर आए आरोपी ने नाबालिका को बजार ले जाने के नाम पर जंगल में किया था दुष्कर्म

बुलंद गोंदिया। घर में मेहमान बनकर आये आरोपी ने घर के बेटी पर ही बुरी नजर डालकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म करने के मामले में गोंदिया जिला न्यायालय के विशेष सत्र न्यायाधीश मा. एस.ए.ए. औटी ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए आरोपी को 32 साल की कठोर सजा एवं 1 लाख 2 हजार रुपये दंड की सजा सुनाई।

आरोपी प्रवीण परसराम कुसराम उम्र 23 साल निवासी भजेपार तहसील सालेकसा जिला गोंदिया को विशेष कोर्ट ने ये सजा भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (अ)(ब), 377, 506 एवं पॉक्सो एक्ट ( बालको के यौन शोषण से सरंक्षण अधिनियम 2012) की धारा 6 अंतर्गत सजा सुनाई।

इस मामले पर सरकार/पीड़िता की ओर से पैरवी अतिरिक्त सरकारी वकील सतीश यू. घोडे व विशेष सरकारी वकील कृष्णा डी. पारधी ने की। सरकारी वकीलों ने कोर्ट के समक्ष आरोपी के विरुद्ध कुल 9 गवाह प्रस्तुत किये।

न्यायालय ने इस मामले पर आरोपी के वकील एवं दोनों सरकारी वकीलों के बीच हुए युक्तिवाद, कोर्ट में प्रस्तुत मा. सर्वोच्च न्यायालय के विविध फैसलों के आधार, तथा सरकारी पक्ष द्वारा रखे गए सबूतों, मेडिकल जांच रिपोर्ट, रासायनिक परीक्षण रिपोर्ट एवं प्रत्यक्षदर्शी गवाहों के बयान को ग्राहय मानते हुए आरोपी को सजा सुनाई।

प्रकरण:-
13 नवंबर 2018 को पीड़िता की माँ ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थीं कि 12 नवम्बर 2018 को उनके घर आरोपी प्रवीण कुसराम मेहमान के रूप में आया था। उसकी खातिरदारी हेतु उसे बाजार से मटन लाने भेजा था। तब आरोपी ने पीड़ित लड़की को बाजार साथ ले जाता हूँ कहकर बाइक में बैठाकर ले गया। आरोपी ने बीच सुनसान झुडपी-जंगल में बाइक रोक दिया और पीड़िता को वहां उतारकर उसे जबरन जमीन में गिराकर उसके साथ नैसर्गिक व अनैसर्गिक तरीके से दुष्कर्म किया। पीड़िता को इस कृत्य को घर में किसी को ना बताने दबाव डाला व जान से मारने की धमकी दी एवं पीड़िता को घर पर छोड़कर अपने गांव चला गया।

पीड़िता ने इस कृत्य की सारी हक़ीक़त जब अपनी माँ को बताई तो फिर्यादि ने इसकी शिकायत 13 नवंबर को सालेकसा थाने में दर्ज कराई। सालेकसा पुलिस थाने के तत्कालीन पुलिस उपनिरीक्षक चन्द्रहार पाटील ने त्वरित हरकत में आकर आरोपी के विरुद्ध भादवि की धारा 376 (अ)(ब), 377, 506 एवं पॉक्सो एक्ट 2012 के तहत धारा 6 अंतर्गत मामला दर्ज कर संपूर्ण जांच पूर्ण कर कोर्ट के समक्ष चार्जशीट दाखिल की।

इन धाराओं के तहत सजा:-

विशेष कोर्ट ने फैसले के दौरान आरोपी को भादंवि की धारा 376 अंतर्गत 20 साल सश्रम कारावास, 50 हजार दंड एवं दंड न भरने पर 3 साल अतिरिक्त कारावास, भादंवि की धारा 377 अंतर्गत 10 साल सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये दंड, दंड न भरने पर 3 साल अतिरिक्त कारावास, भादवि 506 के तहत 2 साल की सजा एवं 2 हजार रुपये दंड, दंड रकम न भरने पर 3 माह की अतिरिक्त सजा। ऐसा कुल 32 साल की कठोर सजा और 1 लाख 2 हजार रूपये दंड की सजा सुनाई।

दंड की रकम पीड़िता को देने के आदेश..

कोर्ट ने दंड की रकम 1 लाख 2 हजार रूपये पीड़िता को देने के आदेश दिए वही मनोधर्य योजना अंतर्गत पीड़ित लडक़ी को स्वास्थ्य उपचार व पुनर्वसन हेतु जिला विधि सेवा प्राधिकरण को योग्य सहयोग करने आदेशित किया।
इस न्यायालयीन प्रकरण में पुलिस निरीक्षक रेवचंद सिंगनजुड़े कर देखरेख में पैरवी पुलिस कर्मचारी ब्रिजलाल राऊत पुलिस स्टेशन देवरी ने कामकाज देखा।

क्या कहते हैं सरकारी वकील:-

इस प्रकरण पर पैरवी करने वाले सरकारी वकीलों ने कहा कि, अबतक के मामलों एवं इस प्रकरण को देखा जाए तो यौन शोषण के मामले अधिकतर नजदीक, परिचितों एवं आसपास के लोगो जिनपर हम विश्वास करते है उनके द्वारा ही देखे गए है। इसी बातों पर विचार कर माननीय कोर्ट ने आरोपी को इस प्रकरण में अधिक सजा सुनाई। समाज में लोगों ने अपने बच्चों को लेकर अधिक जागरूक होने की जरूरत है।

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