नागरिकों के कड़े आंदोलन की चेतावनी के बाद तिरोड़ा रिंग रोड का बंद काम हुआ शुरू

बुलंद गोंदिया। गोंदिया से तिरोड़ा की ओर जाने वाले बाईपास रिंग रोड ही काफी बदहाल स्थिति हो चुकी थी तथा उपरोक्त मार्ग नेशनल हाईवे के अंतर्गत चले जाने के पश्चात उपरोक्त कार्य उपरोक्त मार्ग का निर्माण कार्य गत साल भर पूर्व शुरू किया गया था। लेकिन उपरोक्त कार्य कछुआ गति से चलने के साथ गत कुछ महीनों से बंद हो गया था जिससे परिसर के नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था जिसके चलते पूर्व पार्षद धर्मेश (बेबी) अग्रवाल व सामाजिक कार्यकर्ता राज शुक्ला तथा नागरिकों द्वारा मार्ग शुरू करने की मांग को लेकर कड़े आंदोलन की चेतावनी दी थी जिसके पश्चात संबंधित ठेकेदार द्वारा मार्ग का निर्माण फिर से शुरू किया है।
गौरतलब है कि गोंदिया शहर के सभी प्रमुख मार्गों की स्थिति बदहाल हो चुकी है तथा भारी वाहनों के चलते बड़े गड्ढों का निर्माण हो गया है जिनमें से कुछ मार्ग नेशनल हाईवे के अंतर्गत चले जाने से राज्य के सार्वजनिक बांधकाम विभाग द्वारा उनका सुधार कार्य नहीं किया जा रहा था।
जिसमें मुख्य रुप से गोंदिया से तिरोड़ा की ओर जाने वाला तिरोड़ा बाईपास रिंग रोड जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में भारी वाहन गुजरते हैं। मार्ग की हालत काफी बदहाल हो चुकी थी तथा उपरोक्त मार्ग के नए निर्माण की मंजूरी केंद्र सरकार द्वारा दी गई थी तथा मार्ग का निर्माण कार्य साल भर पूर्व शुरू किया गया था लेकिन निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चलने के कारण आवागमन प्रतिदिन बाधित होने के साथ छोटी बड़ी दुर्घटनाएं भी घटित हो रही थी जिस पर संबंधित निर्माण कार्य करने वाली बारबरीक कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा गत कुछ दिनों पूर्व मार्ग का निर्माण कार्य बंद कर दिया था जिससे स्थिति और भी विकट हो गई थी। ऐसी स्थिति को देखते हुए परिसर के पूर्व पार्षद धर्मेश (बेबी) अग्रवाल व सामाजिक कार्यकर्ता राज शुक्ला के नेतृत्व में परिसर के नागरिकों द्वारा कड़े आंदोलन की चेतावनी प्रशासन को दी थी तथा मार्ग रोको आंदोलन करने का पत्र दिया था। लेकिन प्रशासन द्वारा नागरिकों के उग्र तेवर को देखते हुए दी गई समय अवधि के पूर्व ही बंद निर्माण कार्य फिर से शुरू करवाया है। आंदोलन करने पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही की दी थी धमकी
मार्ग निर्माण शुरू करने की मांग को लेकर परिसर के नागरिकों द्वारा पूर्व पार्षद बेबी अग्रवाल व सामाजिक कार्यकर्ता राज शुक्ला के नेतृत्व में आंदोलन करने का पत्र प्रशासन को दिया गया था जिस पर प्रशासन द्वारा आंदोलनकारियों को कड़ी कार्यवाही की चेतावनी देने के साथ ही आंदोलन करने से रोका गया था तथा आश्वासन दिया गया था कि 8 दिनों के अंदर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा तथा समय अवधि के पूर्व ही प्रशासन द्वारा निर्माण कार्य शुरू किया गया तथा इसके पूर्व जिलाधिकारी के नाम मार्ग का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए ज्ञापन भी दिया गया था।

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