शिक्षकों को सौंपा आवास योजना जांच का कार्य गोंदिया पंचायत समिति का अफलातून निर्णय प्राथमिक शिक्षक संघ ने किया बहिष्कार

बुलंद गोंदिया। गोंदिया पंचायत समिति के अंतर्गत आवास योजना के निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार के निर्माण कार्य की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए गोंदिया पंचायत समिति के गट विकास अधिकारी द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति की है। उनके द्वारा अफलातून निर्णय दिए जाने के चलते प्राथमिक शिक्षकों द्वारा इसका विरोध किया है, तथा प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा गट विकास अधिकारी के निर्णय का विरोध कर जांच प्रशिक्षण का बहिष्कार किया।
गौरतलब है कि गत डेढ़ से 2 वर्षों से कोरोना संक्रमण के चलते स्कूले बंद है। जिसमें विद्यार्थियों का शिक्षा का भारी नुकसान हो रहा है। किंतु अब कोरोना संक्रमण का असर कम होने लगा है जिसके चलते स्कूले शुरू करने की मांग निरंतर शिक्षकों द्वारा की जा रही है। लेकिन इस पर प्रशासन द्वारा मौन धारण किया गया है ।साथ ही शिक्षकों को अध्यापन के अतिरिक्त अन्य कार्य न दिया जाए ऐसा आदेश होने के बावजूद अधिकारियों द्वारा उन्हें अन्य कार्यों पर लगाया जाता है। तथा शिक्षकों से 16 प्रकार के अन्य कार्य करवाए जाते हैं। अब गोंदिया पंचायत समिति के विकास अधिकारी दिलीप खटोले द्वारा गोंदिया तहसील के अंतर्गत 20 नवंबर 2021 से 31 मार्च 2022 के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मंजूर आवास योजना के निर्माण कार्य की जांच करने के लिए तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों के केंद्र प्रमुख, मुख्यअध्यापक व सहायक शिक्षकों की नियुक्ति की है। जिसके लिए बुधवार 9 फरवरी को पंचायत समिति सभागार में शिक्षकों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया था इस अवसर पर महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष विरेंद्र कटरे के नेतृत्व में इस निर्णय का विरोध किया गया तथा स्कूलों को शुरू कर शिक्षकों को अध्यापन का कार्य दिया जाए व अन्य काम में शिक्षकों को ना लगाया जाए ऐसी मांग की गई तथा शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण व जांच के कार्यों का सर्वसम्मति से बहिष्कार किया। इस अवसर पर प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र कटरे , केदार गोटेफोडे, योगानंद पटले, सचिव, केंद्र प्रमुख, ए. एस. ब्राम्हणकर, के.डी. शहारे, फ. मो. रिनाईत, एल. सी. कटरे, मनोजकुमार रोकडे, डी. आर. वैद्य, उमा गजभिये, धनवंती टिकापाचे, ए. एल. वालदे, आय. डी. भगत, ए. बी. शंकराचार्य, वंदना गौर, लक्ष्मण मरकाम, आर. एम. गोस्वामी, ए. बी. रहांगडाले, एस. एस. बिसेन, टी. एन. सोनेवाने, सी. के. वैद्य, डी. सी. रहांगडाले, एच. एस. धवरे, एस. ए. पराटकर, व्ही. आऱ्. मडावी, डी. बी. ठाकरे, बी. पी. बिसेन सहित तहसील शेकडो शिक्षक मौजूद थे।

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