बुलंद गोंदिया।( संवाददाता भंडारा)- भंडारा शहर से 6 किलोमीटर दूरी के अंतर पर पलाडी गांव के खेत परिसर में 28 जनवरी की दोपहर 2:30 बजे के दौरान एक टाइगर मृत अवस्था में दिखाई दिया इस घटना की जानकारी वन विभाग को प्राप्त होते ही वन विभाग का दल घटनास्थल पर पहुंच गया है टाइगर की मौत किस प्रकार हुई है यह अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है। किंतु विद्युत करंट लगने की संभावना जताई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पूर्व ही गोंदिया जिले के नवेगांव नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प में एक शेर की करंट लगाकर शिकार किया गया था 1 हफ्ते के पश्चात ही यह दूसरी घटना सामने आई है। जिसमें एक नर बाघ मृत अवस्था में मिला है। उपरोक्त मृत टाइगर कोका वन्यजीव अभयारण्य से 4 किलोमीटर की दूरी पर मिलने से वन विभाग में खलबली मच गई है। तथा वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी व मानद वन्यजीव सदस्य घटनास्थल पर पहुंच गए हैं प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक बाघ का नाम रुद्र (B-2) होने की जानकारी वन्यजीव प्रेमियों द्वारा बताई गई है।
विद्युत करंट लगने से टाइगर की मौत की संभावना
प्राथमिक जानकारी के अनुसार ग्राम पलाडी में अभिजीत व शिशिर वंजारी के खेत परिसर के समीप दोपहर 2:30 बजे के दौरान कुछ नागरिकों को शेर मृत अवस्था में दिखाई दिया जिससे परिसर में खलबली मच गई। इसकी जानकारी तत्काल वन विभाग को दी गई जिस पर वन विभाग के अधिकारी आनन-फानन में घटनास्थल पर पहुंचे तथा विद्युत करंट लगने से टाइगर की मौत होने का अंदाजा व्यक्त किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि टाइगर जिस स्थान पर मृत अवस्था में पाया गया है वहां समीप ही सोलर फेंसिंग के लिए गड्ढे खोदे गए हैं। टाइगर की मौत की जानकारी प्राप्त होते ही जिला पुलिस अधीक्षक व टाइगर सेल के अध्यक्ष वसंत जाधव व भंडारा वन विभाग के उप वन संरक्षक एसबी भलावी का दल भी घटनास्थल पर पहुंच चुका है। तथा संपूर्ण घटना पर कड़ी नजर रखी जा रही है। साथ ही सहायक उपवन संरक्षक नागुलवार, वन परिक्षेत्र अधिकारी विवेक राजूरकर, अपर पुलिस अधीक्षक अनिकेत भारती, पशुवैद्यकीय अधिकारी डॉ गुणवंत भड़के, पशुवैद्यकीय अधिकारी डॉ विठ्ठल हटवार, वन्यजीव उपायुक्त डॉ दीपक पवार, डॉ गिरीश वैध, डॉ मुडीगुंटीवार ,मानद वन्यजीव सदस्य शाहिद खान, नदीम खान घटना स्थल पर उपस्थित थे।
कोका अभयारण्य में टाइगर की मौत, मौत का कारण स्पष्ट नहीं विद्युत करंट लगने की संभावना
