जिला शल्य चिकित्सक डॉ.अमरीश मोहबे द्वारा बदले की भावना से की गई सभी कार्यवाईयाँ – डॉ.नितेश वाजपेयी

बुलंद गोंदिया। न्यू बालाजी नर्सिग होम का रजिस्ट्रेशन रद्द किए जाने के विषय में डॉ.नितेश वाजपेयी ने कहा है कि यह कार्रवाई बदले की भावना से की गई है। जिला शल्य चिकित्सक ने अपने पद का दुरूपयोग किया है अब जिला शल्यचिकित्सक अपनी ही गलतियों के जाल में उलझने के बाद दबाव बनाने का एक और प्रयास कर रहे हैं जिसमें वे असफल ही होंगे।
25 दिसंबर को रामनगर स्थित न्यू बालाजी नर्सिंग होम का पंजीयन रद्द किए जाने के विषय को लेकर पत्रकार परिषद में डॉ.वाजपेयी ने कहा कि उनकी डिग्री फर्जी बताई जा रही है, किन्तु सीएस ने न तो विश्वविद्यालय का कोई पत्र भेजा और न ही किसी प्रकार की नोटिस दी यह सरासर गलत है। किसी भी प्रकार की कार्रवाई से पहले 15 दिन की नोटिस दिया जाना चाहिए था। डॉ.वाजपेयी ने बताया कि उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी रायपुर से बीएएमएस किया है। 24 दिसंबर को ही यूनिवर्सिटी को पत्र भेज दिया गया हैै। सीएस ने कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल एवं नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन के लिए 2 लाख रूपए की रिश्वत ली और इसका उनके पास सबूत भी है।डॉ.नीतिका पोयम ने 30 हजार रूपए की घूस ली. लेकिन इसके बाद भी उनकी मंशा साफ नहीं थी. डॉ.पोयम ने तो उनके खिलाफ फर्जी शिकायत तक की थी इस फर्जी शिकायत से निपटने के साथ ही कोविड के दौरान दर्ज की गई एफआईआर मामले में भी वे अदालत में बरी हो गए हैं। जिसके बाद अब अपनी खामियों को छिपाने बदले की भावना से नए-नए हथकंडे अपनाकर परेशान किया जा रहा है।
कोविड काल में जब अपनी जान जोखिम में डालकर उन्होंने मरीजों की जान बचाने का काम किया, तब तक ठीक था. अब दबाव बनाने के उद्देश्य से डिग्री फर्जी बताई जा रही है। ये सिर्फ सीएस की पुरानी व्यक्तिगत समस्या है, जिसका बदला लिया जा रहा है. लेकिन वे शांत नहीं रहेंगे. उन्होंने अपनी डिग्री को लेकर यूनिवर्सिटी को पत्र भेजा है. इस भेजे गए पत्र का जवाब जिलाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग सचिव को भेजेंगे. उन्होंने सीएस पर अब तनिक भी भरोसा नहीं रहा है. वे इस पूरे प्रकरण में सीएस के खिलाफ मानहानि, मानसिक परेशानी और आर्थिक नुकसान संबंधी दावा भी न्यायालय में पेश करेंगे।

आरटीआई में जानकारी दी है गलत
डॉ.वाजपेयी ने सूचना का अधिकार के तहत नॉन प्रैक्टिस अलाउंस (एनपीए) लेकर काम करने वाले डॉक्टरों की जानकारी मांगी थी. जिसे छिपा लिया गया. उसी तरह गोंदिया शहर के निजी नर्सिंग होम और क्लीनिक की जानकारी मांगी थी. शहर में 56 नर्सिंग होम के बावजूद 51 नर्सिंग होम की जानकारी दी गई. शेष नर्सिंग होम को आखिर छिपाने का प्रया क्यों किया जा रहा है. आरटीआई के तहत जानकारी मांगा जाना भी सीएस को नागवार लगा है।

शिकायत-अपील वापस लो, सब ठीक होगा
सीएस चाहते थे कि डॉ.वाजपेयी द्वारा उनके खिलाफ में की गई शिकायतें और अपील को वापस ले लिया जाए. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. क्योंकि सीएस पर अब उनका विश्वास नहीं रहा है. शिकायत और अपील वापस ले लिए जाने की स्थिति में न्यू बालाजी नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन बहाल करने की बात कही थी। लेकिन सीएस अपने वादे पर अडिग नहीं रहे और इसी वजह से डॉ.वाजपेयी भी अपने फैसले पर अडिग रहे. उन्हें अब शिकायत और अपील वापस नहीं लिए जाने की वजह से दबाव के रूप में सीएस द्वारा कार्रवाई की जा रही है. न्यायलय में जाएंगे उनके आदेशों को लेकर साथ ही उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी करेंगे।

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