जोखिम भरा लिया निर्णय गर्भवती व शिशु को मिला नया जीवनदान ,डॉ नोव्हिल ब्राह्मणकर ने 3 माह की गर्भवती के पेनक्रियाज कैंसर का किया था सफल ऑपरेशन ,महिला ने दिया स्वस्थ शिशु को जन्म

बुलंद गोंदिया। मरीजों की जटिल स्थिति होने पर डॉक्टर द्वारा जोखिम भरा निर्णय अधिकांश अवसर पर नहीं लिया जाता किंतु गोंदिया के सर्जन डॉक्टर नोव्हिल ब्राह्मणकर ऐसी कठिन चुनौतियों को स्वीकार कर जटिल ऑपरेशन करते हुए मरीजों की जान बचाने का कार्य अनेक अवसर पर किया है। इसी प्रकार के एक मामले में एक 3 माह की गर्भवती महिला जिसके पेट में पेनक्रियाज कैंसर का गोला हो गया था इस गंभीर स्थिति में गर्भपात के पश्चात ही शल्यक्रिया की जा सकती थी।
लेकिन जुलाई माह में इस कठिन चुनौती को स्वीकार कर महिला मरीज व उसके परिवार की सहमति से सफल शल्यक्रिया कर पेनक्रियाज कैंसर के गोले को निकाल दिया था। शल्यक्रिया के पश्चात माता व गर्भ में पलने वाला शिशु पूर्ण रूप से स्वस्थ था तथा गर्भ काल के इस दौरान निरंतर महिला की जांच डॉ ब्राह्मणकर द्वारा की जा रही थी। इसी परिणाम के चलते 4 दिसंबर को तिरोड़ा तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम गराडा निवासी 24 वर्षीय महिला रसीला दिनेश मेश्राम द्वारा स्वस्थ बालक को नॉर्मल प्रसूति के माध्यम से जन्म दिया। जन्म के समय बालक का वजन स्वस्थ शिशु के मानक के अनुसार 2 किलो 800 ग्राम था। विशेष यह है कि उपरोक्त महिला की यह दूसरी प्रसूति है।
उल्लेखनीय है कि पेनक्रियाज कैंसर के गोले का सफल ऑपरेशन किए जाने का समाचार बुलंद गोंदिया में भी प्रकाशित किया गया था उस समय जानकारी दी गई थी कि ब्राह्मणकर हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर नोव्हिल ब्राह्मणकर द्वारा गोंदिया शहर में कुछ वर्षों से अनेक जटिल शल्यक्रिया कर मरीजों को जीवनदान देने का कार्य निरंतर कर रहे हैं। उपरोक्त मामला इस प्रकार था कि तिरोड़ा तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम गराड़ा निवासी 24 वर्षीय महिला रसीला दिनेश मेश्राम के पेट में गत 1 वर्ष से पेनक्रियाज कैंसर का गोला बनने लगा था लेकिन इसकी जानकारी उसे नहीं थी ।इस दौरान वह गर्भवती हो गई थी गर्भवती होने के पश्चात जब सोनोग्राफी जांच की गई तो गर्भ के साथ गोला भी दिखाई दिया था जिसके पश्चात महिला द्वारा डॉक्टर ब्राह्मणकर से जांच करवाई गई थी तथा आगे के उपचार के लिए नागपुर जाने पर शल्यक्रिया का खर्च अधिक बताया गया तथा वहां चिकित्सकों द्वारा जानकारी दी गई थी कि गर्भ गिराने के पश्चात ही शल्यक्रिया की जा सकती है। किंतु परिवार इसके लिए तैयार नहीं था जिसके पश्चात फिर से पीड़ित महिला को लेकर परिवार डॉ ब्राह्मणकर के पास पहुंचकर शल्यक्रिया करने की सहमति प्रदान की तथा गर्भ नहीं गिराने की बात कही तथा हर प्रकार की परिस्थिति के लिए तैयार थे। शल्यक्रिया में लगने वाले खर्च की परेशानी भी डॉक्टर नोव्हिल ब्राह्मणकर द्वारा दूर करते हुए महिला की शल्यक्रिया महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के अंतर्गत की।
उपरोक्त ऑपरेशन करीब 5 घंटे तक के चला था जिसमें 10 बाय 12 सेंटीमीटर का गोला निकाला गया था तथा इस जटिल ऑपरेशन में सफलता प्राप्त करते हुए गर्भ को भी बचाते हुए पेनक्रियाज कैंसर के गोले को बाहर निकाला गया था उपरोक्त शल्य क्रिया के दौरान डॉ ब्राह्मणकर का सहयोग महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर धवल सावंत, एनेएस्थीसिया डॉक्टर कुणाल बोरकर, सहायक लोकेश नागपुरे व लोकेश बांते द्वारा सहयोग दिया था। उनकी उस समय की गई इस जटिल शल्यक्रिया के परिणाम स्वरूप महिला द्वारा अब एक स्वस्थ शिशु को जन्म देने के पश्चात बच्चा व माता पूरी तरह स्वस्थ है।
मेडिकल रिकॉर्ड में अब तक इस प्रकार के हुए मात्र 26 ऑपरेशन
प्राप्त जानकारी के अनुसार मेडिकल रिकॉर्ड के इतिहास में पूरे विश्व में अब तक इस प्रकार के कुल 26 ऑपरेशन किए गए हैं। जिसमें गोंदिया में यह पहला ऑपरेशन है शरीर में पेनक्रियाज एक महत्वपूर्ण अंग होता है यदि गर्भ के दौरान इस प्रकार की समस्या सामने आती है तो गर्भपात करने के पश्चात ही शल्यक्रिया की जा सकती है। अथवा प्रसूति के पश्चात किंतु इस दौरान कैंसर का प्रमाण शरीर में फैलने के साथ ही गर्भवती माता व बच्चे के जीवन पर भी खतरा मंडराने लगता है लेकिन गर्भ को बचाते हुए पेनक्रियाज कैंसर का गोला निकालने का यह मामला मेडिकल इतिहास में अब तक 26 बार ही किया गया है। जिसमें गोंदिया शहर के डॉक्टर नोव्हिल ब्राह्मणकर द्वारा इस प्रकार की शल्यक्रिया कर विशेष सफलता प्राप्त की है।
लिया जोखिम भरा निर्णय मिली सफलता
गर्भ के दौरान पेनक्रियाज कैंसर का गोला होने पर एक गंभीर समस्या सामने आती है। लेकिन इस मामले में जोखिम भरा निर्णय लेते हुए महिला व उसके परिवार की सहमति के पश्चात सफल शल्यक्रिया कर पैंक्रियास के गोले को निकालते हुए गर्भ को भी सुरक्षित रखा गया था। जिसके चलते महिला द्वारा एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया है। अब माता व बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है।
-डॉक्टर नोव्हिल ब्राह्मणकर संचालक ब्राह्मणकर हॉस्पिटल गोंदिया


मुझे वह मेरे बच्चे को दिया जीवनदान
गर्भवती होने के पश्चात जांच में पेनक्रियाज कैंसर के गोले का मामला सामने आने पर डॉक्टर ब्रह्मणकर से जांच करवाई गई थी तथा इसके पश्चात आगे के उपचार के लिए नागपुर गए जहां चिकित्सकों द्वारा गर्भपात के पश्चात ऑपरेशन करने तथा ऑपरेशन में अधिक खर्च होने की जानकारी दी जिसके बाद वापस डॉक्टर ब्राह्मणकर के पास आकर इलाज शुरू करवाया जहां डॉक्टर साहब द्वारा ऑपरेशन में लगने वाले खर्च की समस्या का हल कर महात्मा ज्योतिबा फुले योजना के अंतर्गत शल्यक्रिया करते हुए सफलतापूर्वक कैंसर के गोले को बाहर निकाला वह मेरे गर्भ को बचाया जिससे मैं आज मुझे वह मेरे बच्चे को डॉक्टर ब्राह्मण कर द्वारा नया जीवनदान दिया गया।
– रसीला दिनेश मेश्राम गराड़ा तिरोड़ा

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