तेंदुआ शिकार प्रकरण मुख्य आरोपी सहित 3 गिरफ्तार गोरेगांव वनपरिक्षेत्र अंतर्गत का मामला

बुलंद गोंदिया।
गोरेगांव वनपरिक्षेत्र अंतर्गत तिल्ली मोहगांव इंदिरानगर खेत परिसर में दो तेंदुए एवं एक निलगाय को करंट लगाकर शिकार करने की घटना 3 व 4 जनवरी 2021 को घटित हुई थी। इस घटना में पहले ही 4 शिकारियों को गिरफ्तार किया किया था, किंतु शिकार प्रकरण का मुख्य आरोपी वनविभाग की गिरफ्त से बाहर था, आखिर वनविभाग ने मुख्य आरोपी सहित अन्य दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। शिकार प्रकरण के मुख्य आरोपी में गौरीटोला निवासी भोजराज भरतलाल केवट बताया गया है। वहीं सहयोगी आरोपियों में चोपा निवासी माणिकराव भैयालाल शेंडे व देवेंद्र कुंवरलाल सोनतनेवरे बताया गया है। विशेष यह हैै कि मुख्य आरोपी भोजराज केवट को 2 अगस्त को गिरफ्तार किया गया। वहीं उपरोक्त दो आरोपियों को 4 अगस्त की देर शाम तक गिरफ्तार किया गया। उनके पास से तेंदुए के नाखुन जप्त किए गए है। सभी आरोपियों को 5 अगस्त को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिस पर जिला सत्र न्यायालय ने उपरोक्त तीनों आरोपियों को7 अगस्त तक फॉरेस्ट कस्टडी में रखने का आदेश सुनाया है।
उपरोक्त कार्रवाई उपवन संरक्षक कुलराजसिंह, सहायक वन संरक्षक आर.आर. सदगीर के मार्गदर्शन में आरएफओ पी.एल. साठवने, वनपाल राकेश ब्राम्हणे, वनपाल कोहाट, वनरक्षक संतोष कटरे, विजय कटरे, बी.डी. रहांगडाले, एस.पी. यादव तथा नागझिरा अभयारण्य के अधिकारियों ने की है।

अंधविश्वास के चलते किया शिकार
आरोपियों ने अंधविश्वास को लेकर करंट लगाकर तेंदुए का शिकार कीया था । इस घटना में एक निलगाय भी करंट की चपेट में आकर उसकी मृत्यु हो गई थी। शिकारियों ने तेंदुए के पंजे काटकर गायब कर दिए थे। इतना ही नहीं तो जिस स्थान पर तेंदुए की शिकार की गई, उस घटनास्थल पर पूजापाठ के निशान भी पाए गए थे। उपरोक्त निशानों को देखते हुए पता चला कि तेंदुए का शिकार अंधविश्वास को लेकर किया गया । प्रकरण गंभीर होने से नागपुर विभाग के मुख्य वनसंरक्षक पी. कल्याणकुमार ने11 जनवरी को घटनास्थल पर भेंट देकर जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद वन विभाग ने करंट लगाने के तार सहित तेंदुए, निलगाय के अवशेष बरामद किए गए। सर्च ऑपरेशन के दौरान 15 व 16 जनवरी को आरोपी तिल्ली मोहगांव निवासी हेतराम मधुकर गावड, चोपा निवासी देवराम श्यामराव नागपुरे, 17 जनवरी को लिंगम नरेश येरोला व हेतराम गणपत मेश्राम को गिरफ्तार किया गया। वहीं लिंगम येरोला के घर से तेंदुए के 4 नाखुन बरामद किए गए है। लेकिन घटना का मुख्य आरोपी गौरीटोला निवासी भोजराज भरतलाल केवट घटना के दिन से फरार था। आखिर वन विभाग ने फरार भोजराज केवट को 8 माह के बाद अपने जाल में फंसाने में सफलता प्राप्त की।

कोरोना वैक्सीन से लगा सुराग
घटना को अंजाम देने के बाद इस प्रकरण का मुख्य आरोपी भोजराज केवट फरार था। जिसे वन विभाग की टीम ने खोजने के लिए दिन-रात एक कर दी। इसी दौरान वन विभाग को सुराग लगा कि मुख्य आरोपी भोजराज केवट अगस्त माह में कोविड-19 की वैक्सीन लेने गांव पहुंचा। वैक्सीन लेने की बात जब सामने आई तो वन विभाग ने अपना जाल बिछाकर भोजराज केवट को उसके घर से ही 2 अगस्त की शाम को गिरफ्तार कर लिया। वन विभाग की गिरफ्त से बचने हेतु तथा अपनी पहचान छिपाने के लिए आरोपी भोजराज केवट ने सिर के बाल मुंडवाकर चेहरे पर रूपाल बांधकर वनविभाग की गिरफ्त से बचने का प्रयास कर रहा था।

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