पर्यावरण संरक्षण के लिए विद्यार्थी व युवा आगे आकर करें सहयोग -प्रदीप पाटील धोटे बंधु महाविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित वेबीनार मैं किया आवाहन

बुलंद गोंदिया। धोटे बंधु विज्ञान महाविद्यालय में शनिवार 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित वेबीनार में गोंदिया के सहायक उपवन संरक्षक प्रदीप पाटिल ने विद्यार्थियों व युवाओं से आवाहन किया की पर्यावरण के संरक्षण के लिए उन्हें आगे आकर सहयोग प्रदान करना चाहिए जिससे पर्यावरण का संरक्षण हो सके।
गौरतलब है कि विश्व पर्यावरण दिवस पर धोटे बंधु विज्ञान महाविद्यालय के वनस्पति विभाग इको क्लब व महाराष्ट्र वन विभाग तथा हिरवल बहुउद्देशीय संस्था के संयुक्त तत्वाधान में पर्यावरण संरक्षण के विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ में प्राचार्य डॉक्टर अंजन नायडू ने अपने संभाषण में कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए चलने वाली गतिविधियों में महाविद्यालय हमेशा कार्य कर रहा है सभी विद्यार्थी द्वारा सहयोग किया जा रहा है आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर प्रमुख वक्ता गोंदिया वन विभाग के सहायक उपवन संरक्षक प्रदीप पाटील ने विद्यार्थियों व नागरिकों को वन एवं पर्यावरण संबंधित जानकारी देने के साथ ही उनके सवालों का भी जवाब दिया जिसमें वन क्षेत्र, वन्य जीव संरक्षण ,वन्यजीवों के शिकार, जिले के संरक्षित वन क्षेत्रों में टाइगर का शिकार करने पर कानूनी कार्रवाई वह सजा की जानकारी दी, इसके साथ ही जिले में संरक्षित वन क्षेत्रों से लगे ग्रामों में किसानों की फसलों को वन्यजीवों द्वारा नुकसान पहुंचाए जाने पर इसके लिए वन विभाग द्वारा किसानों को मुआवजा दिया जाता है। जिसे प्राप्त करने के लिए की जाने वाली प्रक्रिया की जानकारी भी दी साथ ही वन संरक्षण संबंधित कानूनों की जानकारी देने के साथ ही वन्य प्राणियों के बचाव करने के लिए हेलो फॉरेस्ट 1926 टोल फ्री नंबर पर फोन कर सहयोग लेने का नागरिकों से निवेदन किया साथ ही समय के अनुसार पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए पौधों की महत्ता आदि की जानकारी दी इसके साथ ही अन्य वक्ता हिरवल सामाजिक संस्था के अध्यक्ष रूपेश निंबारते ने वेटलैंड रेस्टोरेशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा उन्होंने बताया कि गोंदिया जिला तालाबों का जिला कहलाता है लेकिन अब पहले की तुलना में तालाबों की संख्या घट रही है जिससे भूमि में जलस्तर भी कम हो रहा है। आज इन तालाबों का संरक्षण व संवर्धन किस प्रकार करें जिससे गोंदिया जिला फिर से अपनी पहचान तालाबों के जिले के रूप में बरकरार रख सके साथ ही संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण संबंधित किए जाने वाली गतिविधियों से अवगत करा कर विद्यार्थियों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का निवारण किया आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों एवं नागरिकों द्वारा उत्साह पूर्ण प्रतिसाद दिया गया जिसमें करीब 222 लोगों ने अपने उपस्थिति दर्ज करवाई। कार्यक्रम का संचालन व समन्वय डॉ कल्पना घोषाल ने किया तथा उप प्राचार्य प्रोफेसर संजय धीमाडे, डॉ दिलीप चौधरी, डॉक्टर महेश कावड़े, डॉ प्रशांत सहारे ने कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रयास किया।

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